पटना. बिहार में विधानसभा की दो सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस ने दोनों सीटों के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है. राजद से गठबंधन टूटने के बाद यादव समाज में अपनी पैठ को मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने पर्यवेक्षकों की नियुक्ति में यादव जाति का विशेष ध्यान रखा है. कांग्रेस ने दोनों सीटों पर इसी जाति से आनेवाले दो नेताओं को यह अहम जिम्मेदारी सौंपने का काम किया है.
कांग्रेस ने पूर्व सांसद रंजीत रंजन को कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट पर चुनाव पर्यवेक्षक नियुक्त किया है, वहीं चंदन यादव को तारापुर में पार्टी ने पर्यवेक्षक के तौर पर तैनात किया है. चंदन यादव राहुल गांधी की टीम के कोर मेंबर माने जाते हैं. कांग्रेस की इस रणनीति के बाद जानकारों का भी मानना है कि इस उपचुनाव में कांग्रेस अब लड़ाई के मूड में आती दिख रही है.
पिछले दिनों कांग्रेस की ओर से जारी स्टार प्रचारकों की सूची में यादव जाति के किसी नेता का नाम नहीं रहने को विपक्ष ने मसला उठाया था. इसको लेकर राजनीतिक गलियारे में भी सवाल खड़े हो रहे थे. अब कांग्रेस की ओर से इस जिम्मेदारी की बात सामने आने के बाद उन तमाम सवालों को भी जबाव मिल गया है.
राजद के खिलाफ उम्मीदवार उतारने के साथ साथ अब कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनता दल के सबसे मजबूत आधार वोट बैंक को साधने के लिए खास रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया है. यादव वोट बैंक में सेंध मारी को लेकर कांग्रेस चूकना नहीं चाहती है.
यादव जाति से आने वाले चेहरों को स्टार प्रचारकों में जगह नहीं देकर अब पार्टी ने इन दो प्रमुख नेताओं को जो भूमिका दी है, उसके बाद यह साफ हो गया है कि कांग्रेस बड़ी रणनीति पर आगे बढ़ रही है. यादव समाज से आनेवाले इन दोनों नेताओं को महत्वपूर्ण भूमिका मिलने के बाद यह माना जा रहा है कि पार्टी यादव जाति से आने वाले अन्य नेताओं को भी तरजीह देने जा रही है.
Posted by Ashish Jha