संवाददाता, पटना
इस वर्ष बांसघाट तक पहुंच पथ का निर्माण बेहद चुनौती भरा हो गया है, क्योंकि काम शुरू होने के बाद भी इस क्षेत्र से अभी तक बाढ़ के दौरान आया पानी पूरी तरह नहीं निकला है. रास्ते में कई जगह कीचड़ व दलदल भी है. घाट तक जाने के रास्ते की जमीन का लेवल भी बराबर नहीं है. कहीं गड्ढा तो कहीं उड्ढ़ा है. ऐसे में इसका समतलीकरण भी चुनौती होगी. ऐसा भी नहीं है कि यह पहुंच पथ के किसी एक छोटे हिस्से की समस्या है बल्कि 2.3 किमी लंबे पहुंच पथ का लगभग आधा हिस्सा ऐसा ही है.
एक किमी में ही शुरू हो पाया काम : बांसघाट पहुंच पथ का निर्माण तीन दिन पहले शुरू हुआ है. इसके बावजूद अभी तक केवल एक किमी की दूरी में ही इसका निर्माण शुरू हो पाया है. वहां भी अभी ट्रैक्टर से झाड़-झंखार को उखाड़ने और जेसीबी से भूमि के समतलीकरण का काम ही हो पाया है. बांसघाट पर पहुंच पथ के निर्माण की वर्तमान स्थिति को देखकर कहा जा सकता है कि अभी इसका निर्माण पूरा होने में एक सप्ताह लगेगा. निर्माण पूरा होने के बाद भी नयी मिट्टी व घाट किनारे के क्षेत्रो में फैले बालू को बिठाने के लिए तीन-चार दिनों तक इस पर पानी पटाना होगा. पहुंच पथ का निर्माण पूरा होने के बाद शुरू होगा घाट का निर्माण : पहुंच पथ का निर्माण पूरा होने के बाद घाट का निर्माण शुरू होगा. इसके अंतर्गत सबसे पहले वहां की भूमि का समतलीकरण होगा और गड्ढ़े-उड्ढ़े को भरा जायेगा. उसके बाद घाट किनारे लाइट टावर और वाच टावर का निर्माण होगा और चेंजिंग रूम बनाये जायेंगे. अभी गंगा की धारा बीते वर्ष की तुलना में एक मीटर अधिक हैै. लिहाजा सबसे अंत में नदी के भीतर बैरिकेडिंग होगी ताकि पानी का स्तर घटने से छठ व्रतियों के लिए वह असुविधाजनक नहीं हो. खतरनाक घाट की पहचान की जायेगी पटना. छठ को लेकर गंगा किनारे खतरनाक घाटों की पहचान करने, जल स्तर व दलदल की स्थिति से संबंधित रिपोर्ट देने के लिए चार कार्यपालक अभियंता की प्रतिनियुक्ति की गयी है. नासरीगंज से बुद्धा घाट तक विद्या शंकर वर्मा, केशव राय से पथरी घाट व बीएन राय घाट तक शिशिर कुमार, मंदिर घाट से मिरचाई घाट तक अभिनव आनंद व मानिकचंद तालाब से बांस घाट तक ओम प्रकाश कुमार के नेतृत्व में निरीक्षण होगा. जजेज घाट : पत्थरों को हटा बन रहा रास्ता पटना. सेक्टर पदाधिकारी घाटों पर काम करा रहे हैं. पटना सिटी में सेक्टर 12 में जजेज घाट पर पत्थरों को हटा रास्ते को तैयार किया जा रहा है. भद्रघाट के पास जमीन को समतल किया जा रहा है. गाय घाट, भद्र घाट, जजेज घाट के पास काफी जगह है. वहीं बालू कुर्जी पर भी जमीन को समतल किया जा रहा है.
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