Patna News : बांसघाट के पास बन रहे मुक्तिधाम में 10 शवदाहगृहों का निर्माण शुरू

बांसघाट के पास बन रहे मुक्तिधाम में 10 शवदाहगृहों का निर्माण शुरू हो गया. इनमें पांच सेट शवदाहगृह बनेंगे, जिनमें हर सेट में दो-दो शवदाहगृह होंगे. दो सेट विद्युत और तीन सेट लकड़ी वाले शवदाह गृह होंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | November 15, 2024 1:53 AM
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संवाददाता, पटना : बांसघाट के पास बन रहे मुक्तिधाम में 10 शवदाहगृहों का निर्माण शुरू हो गया. इनमें पांच सेट शवदाहगृह बनेंगे, जिनमें हर सेट में दो-दो शवदाहगृह होंगे. दो सेट (कुल चार) विद्युत और तीन सेट (कुल छह) लकड़ी वाले शवदाह गृह होंगे. साथ ही बांसघाट स्थित पुराने विद्युत शवदाहगृह का भी जीर्णोद्धार होगा. वहां दो तालाब बनाये जायेंगे और बाग-बगीचा लगा कर उसका सौंदर्यीकरण किया जायेगा. इन सब पर 81.22 करोड़ खर्च होंगे, जिनमें 76.81 करोड़ इन दोनों प्रोजेक्ट को पूरा करने पर खर्च होंगे, जबकि 4.41 करोड़ रुपये इनके पांच वर्षों तक संचालन व रखरखाव के लिए दिये जायेंगे. नये शवदाहगृह परिसर के निर्माण के साथ पुराने विधुत शवदाहगृह का जीर्णोद्धार भी अगले साल मार्च तक पूरा कर लिया जायेगा.

पुराने से 300 मीटर की दूरी पर बन रहा

पहले मुक्तिधाम का निर्माण बांसघाट स्थित पुराने विद्युत शवदाहगृह की ठीक बगल में होना था. लेकिन, इसके लिए बगल की जमीन उपलब्ध नहीं हो सकी, क्योंकि एक व्यक्ति ने इस जमीन पर अपना दावा कर दिया. इसके कारण पुराने विद्युत शवदाहगृह से लगभग 300 मीटर की दूरी पर मुक्तिधाम का निर्माण शुरू किया गया है. इन दोंनों प्रोजेक्ट को पहले अक्तूबर तक ही पूरा कर लेना था. लेकिन, पहले जमीन अधिग्रहण में देरी के कारण यह प्रोजेक्ट समय पर शुरू नहीं हो सका. बाद में मॉनसून आने के बाद इस पूरे क्षेत्र में गंगा का पानी भर गया, जिसके कारण देरी हुई.

16200 वर्गमीटर में फैला होगा मुक्तिधाम

मुक्तिधाम 16200 वर्गमीटर में फैला होगा, जबकि वर्तमान का बांसघाट विद्युत शवदाहगृह केवल 4600 वर्गमीटर में फैला है. इस प्रकार यह लगभग 3.5 गुना बड़ा होगा. दो तालाब भी बनेंगे. यहां बनने वाले दो तालाबों में से एक मृतक को मुखग्नि देने वाले और अंतिम यात्रा में साथ आये परिजनों के स्नान के लिए होगा, जबकि दूसरा तालाब शवदाह के बाद अस्थि विसर्जन के लिए होगा. इन दोनों में गंगा नदी का पानी खींचकर लाया जायेगा. यहां दो चेंजिंग रूम, दो सेट टॉयलेट, मरचूरी, वुड स्टोर व अंत्येष्टि सामग्री बेचनी वाली दुकान भी बनायी जायेगी. साथ ही एडमिस्ट्रेटिव ब्लॉक, स्टाफ क्वार्टर वरेजिडेंशियल एरिया का भी निर्माण होगा. एक तालाब का निर्माण वर्तमान विद्युत शवदाहगृह परिसर में भी किया जायेगा.

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