संवाददाता, पटना मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम (बीपीबीसीसी) को भविष्य में प्री-फैब भवनों के निर्माण के माध्यम से से कम समय में निर्माण कार्य पूरा करने का प्रयास करने को कहा है. कहा कि इससे निगम की आमदनी बढ़ेगी. उन्होंने विदेशों में प्री-फैब भवनों के निर्माण का उल्लेख करते हुए पुलिस भवनों के निर्माण के माध्यम से राज्य में आधारभूत संरचना को मजबूत किए जाने की सराहना की. श्री मेहरोत्रा शनिवार को बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम का 50 वां स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करने के बाद उसे संबोधित कर रहे थे.समारोह का आयोजन पशु चिकित्सा महाविद्यालय के समीप स्थित निगम कार्यालय में किया गया.मुख्य सचिव श्री मेहरोत्रा ने कहा कि एक जुलाई से तीन नया आपराधिक कानून लागू हो रहा है. नये कानून में फॉरेसिंक जांच पर जोर दिया गया है.ऐसे में राज्य के विभिन्न जिलों में तेजी से एफएसएल भवनों के निर्माण का कार्य भी पूरा करना होगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में न्याय के साथ विकास और अपराध के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी गयी है. इसके लिए आधारभूत संरचनाएं विकसित किया जा रहा है. 2007-08 के बाद से राज्य सरकार की नीति रही है कि विभिन्न विभागों में सरकारी आधारभूत संरचना को मजबूत किया जाये. इस मौके पर मुख्य सचिव ने निगम के उत्कृष्ट कार्य करने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मियों को प्रमाण पत्र सौंप कर सम्मानित भी किया. समारोह में ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने उम्मीद जतायी कि निगम आने वाले वर्षो में बेहतर उपलब्धि हासिल करेगा. वहीं, गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने कहा कि नये निर्माण के साथ ही पूर्व में बने पुलिस भवनों के रखरखाव को लेकर भी व्यवस्था करने की जरूरत है. उन्होंने निगम को गृह विभाग की ओर से आवश्यकता होने पर अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया. समारोह को सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी व निगम के पूर्व सीएमडी अभय कुमार उपाध्याय एवं अशोक कुमार गुप्ता ने भी संबोधित किया. वहीं, बीपीबीसीसी के पुलिस महानिदेशक एवं अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) विनय कुमार ने कहा कि 1974 में 6.70 लाख रुपये टर्नओवर से शुरू निगम का सफर 454.20 करोड़ का हो चुका है. इसके वर्तमान वित्तीय वर्ष में एक हजार करोड़ रुपये होने की संभावना है. उन्होंने इस मौके पर निगम की उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी.
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