संवाददाता, पटना
सूत्रों के अनुसार यह पुल एनएच-139डब्ल्यू पटना से बेतिया सड़क सहित बौद्ध सर्किट का हिस्सा है. वर्तमान जेपी सेतु के समानांतर इससे करीब 180 मीटर पश्चिम में करीब 4.56 किमी लंबाई में करीब 3,064.45 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण किया जा रहा है. इस पुल को 2027 तक बनकर तैयार होने की संभावना है. इसके बनने से उत्तर और दक्षिण बिहार को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी.
कुल चार एप्रोच रोड बनाये जायेंगे पटना की तरफ से इस पुल पर चढ़ने और उतरने के लिए कुल चार एप्रोच रोड बनाये जायेंगे. इन चारों लूप की लंबाई करीब तीन किमी होगी. अलग-अलग एप्रोच रोड बनने से सीधा पाटलि पथ और जेपी गंगा पथ की कनेक्टिविटी हो सकेगी. पाटलि पथ से पुल पर चढ़ने और उतरने के लिए अलग-अलग एप्रोच रोड बनेगा. साथ ही जेपी गंगा पथ से नये पुल पर चढ़ने और उतरने के लिए अलग-अलग एप्रोच रोड बनेगा. इससे सड़क हादसों की संभावना बहुत कम हो जायेगी. इस पुल में रोटरी नहीं बनेगी. सात सौ मीटर लंबाई में एप्रोच रोड बनेगासूत्रों के अनुसार इस नये पुल का सोनपुर की तरफ जाने वाला हिस्सा वर्तमान पुल से पश्चिम की तरफ करीब 180 मीटर की दूरी पर बने बांध को कनेक्ट करेगा. वहां करीब सात सौ मीटर लंबाई में एप्रोच रोड बनेगा. सोनपुर की तरफ वर्तमान सड़क दो लेन चौड़ी है. इसकी चौड़ाई बढ़ाकर फोरलेन सड़क का निर्माण होगा. पुल से नीचे उतरने के सर्विस रोड की चौड़ाई बढ़ाकर पेव्ड सोल्डर के साथ दो-लेन की जायेगी. साथ ही दाहिनी तरफ भी पेव्ड सोल्डर के साथ दो-लेन चौड़ाई हो जायेगी. इस तरह सोनपुर की तरफ एप्रोच रोड की कुल चौड़ाई मिलाकर आठ लेन हो जायेगी.
इसे मिलेगी सीधी कनेक्टिविटीयह पुल बिहार के उत्तरी हिस्से में औरंगाबाद और सोनपुर (एनएच -31), छपरा, मोतिहारी (पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर पुराना एनएच -27), बेतिया (एनएच -727) में एनएच -139 के माध्यम से पटना से स्वर्णिम चतुर्भुज कॉरिडोर तक सीधी कनेक्टिविटी देगा. बुद्ध सर्किट में मौजूद वैशाली और पूर्वी चंपारण जिले में केसरिया में बुद्ध स्तूप के लिए यह पुल बेहतर कनेक्टिविटी देगा. इसके अलावा, एनएच -139 डब्ल्यू में प्रसिद्ध अरेराज सोमेश्वरनाथ मंदिर और प्रस्तावित विराट रामायण मंदिर (दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक) को कनेक्टिविटी देगा.
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