बिहार में 778 ग्रामीण सड़कों और 315 पुलों का निर्माण 31 मार्च, 2022 तक पूरा करना बारिश और बाढ़ के कारण बड़ी चुनौती हो गयी है. करीब 2200 किमी लंबाई में पीएमजीएसवाइ-1 और पीएमजीएसवाइ-2 के तहत इनका निर्माण पूरा करने का निर्देश केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्य के ग्रामीण कार्य विभाग को दिया है.
जिन परियोजनाओं का काम 31 मार्च तक पूरा नहीं हो सकेगा, उनका निर्माण राज्य सरकार को अपने स्रोतों से पूरा कराना पड़ेगा. फिलहाल केंद्र और राज्य की 60 और 40 फीसदी की हिस्सेदारी में पीएमजीएसवाइ परियोजनाओं का काम हो रहा है. इन सभी परियोजनाओं को बनाने की स्वीकृति दिसंबर 2020 में केंद्र सरकार ने दे दी थी. सूत्रों के अनुसार पीएमजीएसवाइ एक में 510 सड़क और 309 पुलों को बनाने की योजना थी.
वहीं, पीएमजीएसवाइ दो में 268 सड़क और छह पुलों को बनाने की मंजूरी दी गयी. इसके साथ ही राज्य में पीएमजीएसवाइ के पहले और दूसरे चरण में करीब 57 हजार 700 किमी सड़क बनाने का लक्ष्य था. इसमें से करीब 55 हजार 500 किमी लंबाई में सड़क बन चुकी है. अब पीएमजीएसवाइ के पहले चरण में करीब 1400 किमी और दूसरे चरण में करीब 800 किमी लंबाई में सड़क का निर्माण होना है. पीएमजीएसवाइ दूसरे चरण के तहत करीब 2456 किमी लंबाई में सड़क बनाने की मंजूरी केंद्र सरकार ने 2020 में दी थी.
Also Read: बिहार में किसानों के लिए प्रोत्साहन राशि की दर निर्धारित, जानिए फसल के किस मॉडल पर कितनी मिलेगी मदद
राज्य में पीएमजीएसवाइ के पहले और दूसरे चरण की योजनाओं का निर्माण पूरा कर तीसरे चरण के तहत ग्रामीण सड़कों और पुलों का निर्माण करने की तैयारी हो रही है. तीसरे चरण में 2025 तक कुल 6162.50 किमी लंबाई में ग्रामीण सड़क बनाने सहित उनके चौड़ीकरण का लक्ष्य है. इसमें से पहली बार में करीब 1500 किमी लंबाई में सड़क निर्माण का लक्ष्य है. तीसरे चरण में 3.75 मीटर सड़क की चौड़ाई बढ़ा कर पांच मीटर तक की जायेगी. इसका मकसद यातायात सुविधा को बेहतर बनाना है.
सूत्रों के अनुसार फिलहाल उत्तर बिहार के अधिकतर ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का पानी अब भी है. पानी उतरते ही सड़क निर्माण कार्य शुरू होने की तैयारी की जा रही है. सड़कों का निर्माण शुरू होते ही मजदूरों को रोजगार मिलेगा. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों की यातायात व्यवस्था बेहतर होगी.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan