Controversy: पटना. नेम प्लेट विवाद पर जदयू ने अपना स्टेंड क्लियर कर दिया है. योगी सरकार के बाद हिमाचल सरकार ने ‘नेम प्लेट’ नीति लागू की है, जिसको लेकर विवाद चल रहा है. इस मुद्दे पर बिहार में भी सियासत शुरू हो गई है. मीडिया के सवालों पर जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि नेम प्लेट विवाद पर जदयू सहमत नहीं है. साथ ही बैंड बाजा वालों को भी नेम प्लेट लगाने की मांग को भी खारिज करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ‘सबका साथ सबका विश्वास’ लेकर चलती है. बिहार सरकार ऐसा नहीं करेगी. उन्होंने कहा,’ हमें इन सब चीजों से बचना चाहिए.’
हिमाचल के मंत्री के बयान पर शुरू हुई सियासत
यूपी सरकार की शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने कहा है कि संभल के… चंदौसी में बैंड बाज वालों के नाम मंगल, अशोक, गीता और सरोज रखे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति जो काम करता है, वह नाम भी अपने ही नाम से रखे. वहीं, हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में फास्ट फूड, रेहड़ी और ढाबों के मालिकों को अपनी दुकानों के बाहर पहचान पत्र लगाने का निर्देश दिया गया है. मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक पर एक पोस्ट कर कहा, ‘हिमाचल में भी हर भोजनालय और फास्ट फूड रेहड़ी पर उसके मालिक की आईडी लगाई जाएगी.’
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कांग्रेस आलाकमान के विरोध के बाद फैसला वापस
उत्तर प्रदेश की तर्ज पर कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश में नेम प्लेट लगाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है. कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य के आदेश के बाद सियासत गरमाई हुई है. कांग्रेस आलाकमान की नाराजगी के बाद सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं, लेकिन एक बार फिर पूरे देश में नेम प्लेट की चर्चा शुरू हो गई है. इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी होटलों, ढाबों और रेस्टोरेंट्स आदि संबंधित प्रतिष्ठानों की गहन जांच, सत्यापन आदि के भी निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे ढाबों और रेस्टोरेंट्स आदि खानपान के प्रतिष्ठानों की जांच की जानी जरूरी है.