विधि संवाददाता, पटना हाइकोर्ट ने बलात्कार करने के मामले में 20 साल की कैद पाये सजायाफ्ता को बरी कर दिया . न्यायाधीश आशुतोष कुमार एवं न्यायाधीश राजेश कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मुकेश कुमार की अपील पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया . पीड़िता ने बहेड़ा (दरभंगा) थाना में प्राथमिकी दर्ज कर आरोप लगाया था कि अपीलकर्ता ने वर्ष 2020 में साथ शादी करने का वादा कर उसके साथ यौन उत्पीड़न किया जिसके परिणामस्वरूप वह गर्भवती हो गयी. दरभंगा की विशेष अदालत ने आइपीसी की धारा 376(2)(एन) एवं पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत अपीलार्थी को दोषी पाते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी जिसे हाइकोर्ट में चुनौती दी गयी . हाइकोर्ट ने तथ्यों का अवलोकन कर पाया कि यौन उत्पीड़न या गर्भपात के कोई लक्षण नहीं पाए गये. कोर्ट ने यह भी पाया कि प्राथमिकी एक पंचायती के बाद दर्ज की गई थी, जिसमें पीड़िता के पिता को छह लाख रुपये मिले थे.अदालत ने अपीलकर्ता के खिलाफ आरोपों को संदिग्ध पाते हुए उसे सभी आरोपों से बरी कर दिया और उसे तुरंत रिहा करने का आदेश दिया.
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