राज्य के 234 प्रखंडों में खुलेंगी सहकारी बैंक की शाखाएं

राज्य में 234 प्रखंडों में सहकारी बैंक की शाखाएं खुलेंगी. सहकारिता विभाग ने आरबीआइ से नियमों में ढील देने की मांग की है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 18, 2024 12:41 AM

– आरबीआइ से नियमों में छूट मांगने का सहकारिता विभाग ने तैयार किया प्रस्ताव – राज्य में अभी 300 प्रखंडों में ही हैं शाखाएं, 15 जिलों में केंद्रीय सहकारिता बैंक नहीं मनोज कुमार, पटना राज्य में 234 प्रखंडों में सहकारी बैंक की शाखाएं खुलेंगी. सहकारिता विभाग ने आरबीआइ से नियमों में ढील देने की मांग की है. नियमों में छूट देने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है. सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने इसका प्रस्ताव तैयार करने का आदेश विभाग को दिया है. आरबीआइ की ओर से इसकी सहमति मिलने के बाद चरणबद्ध तरीके से 234 प्रखंडों में सहकारी बैंक की शाखाएं खुल जायेंगी. राज्य में अभी बैंकों की 300 शाखाएं ही हैं. 15 जिलों में केंद्रीय सहकारी बैंक नहीं हैं. बक्सर, कैमूर, शिवहर, दरभंगा, जहानाबाद, अरवल, लखीसराय, जमुई, शेखपुरा, बांका, सारण, पूर्णिया, किशनगंज व मधेपुरा जिले में केंद्रीय सहकारी बैंक नहीं हैं. मधेपुरा, दरभंगा व सारण में बैंक बंद तीन जिलों मधेपुरा, सारण, और दरभंगा में सहकारी बैंक बंद करना पड़ा. इन तीनों जिलों के बैंक घाटे में चल रहे थे. इन तीनों बैंकों पर एनपीए समेत कई तरह के वित्तीय बोझ बढ़ गये थे. इनको चलाना मुश्किल हो गया था. एक तरह से ये तीनों बैंक दिवालिया हो गये थे. अभी इन तीनों जिलों में राज्य सहकारी बैंक की विस्तारित शाखाओं से किसानों को केसीसी ऋण देने की व्यवस्था की गयी है. बैंकों में साल दर साल बढ़ती गयी एनपीए राशि राज्य में अभी केंद्रीय सहकारी बैंक की कुल 23 शाखाएं हैं. बीते साल की रिपोर्ट के अनुसार, इन बैंकों में 521920 लाख रुपये जमा थे. सहकारी बैंकों में साल दर साल एनपीए की राशि भी बढ़ती गयी. वर्ष 2019 में एनपीए 9972 लाख रुपये थे. वर्ष 2021 में बढ़कर एनपीए की राशि 10150 लाख रुपये हो गयी. बढ़ती एनपीए राशि ने भी सहकारी बैंकों की संरचना कमजोर कर दी.

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