बिहार में कोरोना का खतरा गहराता जा रहा है. राज्य सरकार ने संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए सूबे में कई पाबंदिया लगाई है. वहीं दफ्तरों के लिए भी कई पाबंदिया लागू हैं. राजधानी पटना में सबसे अधिक संक्रमित रोजाना पाये जा रहे हैं. जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब न्यायालय ने भी अपने दरवाजे बंद कर लिये हैं. पटना के सभी सिविल कोर्ट और अनुमंडल कोर्ट में चल रहे वर्चुअल न्यायिक कार्य बंद कर दिये गये हैं. 1 मई तक अब कोर्ट परिसर में एंट्री पर भी सशर्त रोक लगा दी गई है.
पटना में कोरोना संक्रमण से रोजाना खतरा बढ़ता जा रहा है. गुरुवार को यहां 2643 मरीज पाये गये हैं. संक्रमण से बचाव को प्राथमिकता देते हुए पटना जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनील दत्त मिश्रा ने जिले के सभी सिविल कोर्ट और अनुमंडल कोर्ट में चल रहे वर्चुअल न्यायिक कार्य बंद कर दिये हैं. अब फिलहाल किसी भी केस की सुनवाई अभी नहीं हो पाएगी. इसके साथ कोर्ट परिसर में 22 अप्रैल से लेकर 1 मई तक प्रवेश पर भी रोक लगा दिया गया है.
बता दें कि अपराधिक मामलों में गिरफ्तार आरोपितों को रिमांड पर लेने वाले मामले में रोक नहीं होगी. लेकिन इसके अलावे सभी न्यायिक कार्यों पर फिलहाल रोक लगी रहेगी. वहीं जिला न्यायाधीश ने सभी न्यायिक पदाधिकारियों और कर्मियों को ये निर्देश दिया है कि वो अपने फोन नंबर को हमेसा खुला रखें ताकि अगर उनकी जरुरत महसूस की जाए तो वो उपलब्ध हो सकें.
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गौरतलब है कि पटना जिले में आठ न्यायिक पदाधिकारी समेत कुल 66 कर्मी कोरोन संक्रमण की चपेट में पड़ चुके हैं. वहीं जिले में कुछ वकीलों की कोरोना संक्रमित होने के बाद मौत भी हो चुकी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना जिला अधिवक्ता संघ ने भी एक मई तक किसी भी न्यायिक कार्य को नहीं करने का फैसला लिया है. कोरोना के बढ़ते खतरे को देख पटना के सभी अदालतों में बंद हुई सुनवाई तथा News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें।
Posted By: Thakur Shaktilochan