IIT पटना में दो दर्जन से अधिक कोरोना पॉजिटिव, शहरी क्षेत्र के अलावे ये दो इलाके अब सबसे बड़े हॉट-स्पॉट

आईआईटी पटना में भी कोरोना के मरीज काफी अधिक बढ़ गये हैं. पटना में शहरी क्षेत्रों के अलावा अब कोरोना संक्रमण ग्रामीण इलाकों में भी पसर रहा है. दो इलाके ऐसे हैं जो अब बड़े हॉट-स्पॉट बन चुके हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2022 10:55 AM
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बिहार में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. पटना जिला में संक्रमण सबसे अधिक फैल चुका है. यहां रोजाना अब हजारों की तादाद में पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं. संक्रमण का संकट केवल शहरी क्षेत्र में ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी अब गहराने लगा है. वहीं पटना के बिहटा स्थित आईआईटी (Patna IIT) में भी कोरोना संक्रमण अपना पांव पसार चुका है. कैम्पस में दो दर्जन से अधिक संक्रमित पाए जा चुके हैं.

बिहार के अन्य जिलों की तुलना में पटना जिला कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया है़ बीते एक सप्ताह से यहां लगातार दो हजार से अधिक नये केस दर्ज किये जा रहे हैं. यहां कई मोहल्लों को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया है. रोजाना कोरोना संक्रमण के नये-नये मामले बढ़ रहे हैं तो अनेकों मोहल्ले ऐसे हो चुके हैं जहां हजार की संख्या में मरीज हो. यही नहीं बल्कि अब शहरी क्षेत्र से दूर भी संक्रमण फैल चुका है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना पटना जिला के गांवों में भी पैर फैलाने लगा है. तीन से चार दिनों के अंदर ही फुलवारीशरीफ, बिहटा, बिक्रम, बख्तियारपुर, बाढ़ और मसौढ़ी में बड़ी संख्या में नये संक्रमित मिले हैं. बिहटा और फुलवारीशरीफ की हालत गंभीर होती जा रही है. बिहटा में आईआईटी (IIT Bihta) के अंदर भी संक्रमण ने पांव पसारा है. यहां 25 से अधिक लोगों के पॉजिटिव होने की सूचना है. वहीं बिहटा में कुल संक्रमितों की संख्या 300 से अधिक हो चुकी है.

पटना के फुलवारीशरीफ में भी संक्रमण ने तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया है. एम्स से लेकर निकुंज व वृंदावन कॉलोनी समेत कई ऐसे इलाके भी हैं जहां कोरोना के मरीज बड़ी संख्या में मिल रहे हैं. शहर में घनी आबादी के कारण कोरोना का प्रसार तेज हुआ है लेकिन ग्रामीण इलाके में भी कोरोना ने पांव पसारना शुरू कर दिया है.

बिक्रम प्रखंड के अलावा बख्तियारपुर, बाढ़, पुनपुन और मसौढ़ी समेत कई अन्य इलाकों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पटना जिले में पॉजिटिविटी रेट सबसे अधिक है. हालांकि गंभीर स्थिति वाले मरीज बेहद कम हैं. अधिकतर मरीज होम आइसोलेशन में ही हैं और तेजी से ठीक भी हो रहे हैं.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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