Corona Impact: कोरोनाकाल में बिहार के पर्यटन उद्योग को अब तक 10 हजार करोड़ का नुकसान, इंडस्ट्री से जुड़े लोग प्रभावित…

सुबोध कुमार नंदन, पटना: पर्यटन उद्योग का राज्य के सामाजिक- आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन में महत्त्वपूर्ण योगदान है. वर्तमान में पर्यटन उद्योग अत्यधिक कठिनाइयों का सामना कर रहा है. कोविड-19 महामारी ने बिहार सहित पूरे भारत के पर्यटन उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया है. एक अनुमान के मुताबिक कोविड-19 महामारी के कारण बिहार में पर्यटन उद्योग को अब तक लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है. बिहार के पर्यटन उद्योग के प्रभावित होने से इससे प्रत्यक्ष रूप से जुड़े होटल, टूर एवं ट्रैवल्स एजेंसी आदि विभिन्न उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 27, 2020 9:07 AM
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सुबोध कुमार नंदन, पटना: पर्यटन उद्योग का राज्य के सामाजिक- आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन में महत्त्वपूर्ण योगदान है. वर्तमान में पर्यटन उद्योग अत्यधिक कठिनाइयों का सामना कर रहा है. कोविड-19 महामारी ने बिहार सहित पूरे भारत के पर्यटन उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया है. एक अनुमान के मुताबिक कोविड-19 महामारी के कारण बिहार में पर्यटन उद्योग को अब तक लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है. बिहार के पर्यटन उद्योग के प्रभावित होने से इससे प्रत्यक्ष रूप से जुड़े होटल, टूर एवं ट्रैवल्स एजेंसी आदि विभिन्न उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हैं.

राज्य में 500 से अधिक टूर ऑपरेटर परेशान

नोटबंदी और जीएसटी के बाद बिहार में पर्यटन उद्योग रफ्तार पकड़ने लगा था, लेकिन कोविड-19 और लॉकडाउन ने इसे धरातल पर ला दिया. वर्तमान में सूबे में 500 से अधिक टूर ऑपरेटर दो हजार के करीब छोटे बड़े ट्रेवल एजेंसियां और 5000 से अधिक टूरिस्ट ट्रांसपोर्टेड कार्य कर रहे हैं, इसके अलावा राज्य में छोटे-बड़े लगभग 1000 से अधिक होटल हैं. एक लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त है. इसके अतिरिक्त टूर एंड ट्रेवेल एजेंसि‍यां उनसे जुड़े वाहन आदि के माध्यम से रोजगार प्राप्त लोग प्रभावित हुए हैं. कारोबार को शून्य पर लाकर रख दिया है. सितंबर में होटलों को संचालित करने की छूट दी गयी है, परन्तु सख्‍त दिशा-निर्देशों के कारण कारोबार सीमित रह रहा है.

पर्यटन व्यवसाय को राहत पैकेज का इंतजार

पर्यटन का कारोबार न होने के कारण हजारों लोगों का जॉब खत्म हो चुका है और कई कम वेतन पर कार्य करने को मजबूर हैं. बिहार मुख्यत: अपने धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन स्थलों के लिए पर्यटकों को आकर्षित करता आ रहा है, परंतु लॉकडाउन के कारण धार्मिक स्थल बंद पड़ गये और पर्यटकों का आना बंद हो गया. कई उद्यमी ने इस संकट को देखते हुए अपने व्यवसाय में परिवर्तन भी कर लिया. सबसे ज्यादा प्रभावित वैसे उद्यमी हुए, जिन्होंने बैंक से कर्ज लेकर अपने व्यवसाय में पूंजी लगायी. पर्यटन व्यवसाय को बिहार सरकार के द्वारा कोई राहत पैकेज ना मिलने से भी मनोबल गिरा है.

पर्यटकों की संख्‍या में बढ़ोतरी

सूबे में 2016 में बिहार में शराबबंदी के बाद पर्यटकों की संख्या में कोई कमी नहीं हुई है: 2016 में घरेलू पर्यटकों की संख्या 2 करोड़ 85 लाख 16 हजार 127 जबकि विदेशी पर्यटकों की संख्या 10 लाख 10 हजार 531 थी. वर्ष 2017 में यह संख्या बढ़कर घरेलू पर्यटकों के लिए 3 करोड़ 24 लाख 14 हजार 063 जबकि विदेशी पर्यटकों की 10 लाख 82 हजार 705 हो गयी. इसके अगले साल 2018 में 3 करोड़ 36 लाख 21 हजार 613 देशी पर्यटक तो 10 लाख 87 हजार 971 विदेशी पर्यटक आये. पिछले साल सितंबर 2019 तक बिहार में आने वाले देसी पर्यटकों की संख्या 1 करोड़ 69 लाख 42 हजार 590 और विदेशी पर्यटकों की संख्या 7 लाख 4 हजार 809 हो गयी थी.

फाइव स्‍टार होटल सपना ही रह गया

पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने और पर्यटकों की सुविधा के लिए पटना में तीन पांच सितारा होटल खोले जाने की घोषणा सरकार ने तीन साल पहले की थी. इसके तहत होटल पाटलिपुत्र अशोक और ऐतिहासिक सुल्तान पैलेस (परिवहन भवन) को पांच सितारा होटल में तब्दील करने की योजना थी जबकि तीसरा होटल पटना सिटी में कंगन घाट के समीप बनने का प्रस्‍ताव था. तीनों होटल पीपीपी मोड पर खोलने की योजना थी.

कोविड-19 महामारी से बड़ी क्षति

पर्यटन उद्योग को कोविड-19 महामारी से बिहार में लगभग 10000 करोड़ रुपये की अनुमानित क्षति हुई है. पितृपक्ष मेला आयोजित नहीं होने, पूर्व की भांति ट्रेन एवं फ्लाइट नहीं चलने के कारण राज्य में पर्यटकों का नहीं के बराबर आना पर्यटन उद्योग को लंबे समय तक प्रभावित करेगा. ऐसी परिस्थिति में पर्यटन उद्योग को पुनः पटरी पर लाने के लिए सरकार एवं इस उद्योग से जुड़े लोगों को मिलकर प्रयास करना होगा तथा सरकार को भी इन उद्योगों को विशेष राहत पैकेज के माध्यम से कार्यशील पूंजी के लिए सोफ्ट लोन एवं अन्य सहायता उपलब्ध कराने की आवश्यकता है.

सुनील कुमार सिंह, चेयरमैन, पर्यटन विकास उपसमिति, बीआइए

पितृपक्ष मेले का आयोजन न होने से भी नुकसान

इस वर्ष पितृपक्ष मेले का आयोजन न होने से भी पर्यटन उद्योग को कई हजार करोड़ का नुकसान पहुंचा है. होटल, टैक्सी ऑपरेटर, गाइड, रेस्टोरेंट, हस्तशिल्प की दुकान आदि सभी उद्यमी अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. अब तो यही उम्मीद की जा रही है की स्थिति सुधारने में कम से कम छह माह से अधिक का समय लगेगा.

प्रकाश चंद्र, निदेशक, विजिट बिहार

टूरिस्ट इंडस्ट्रीज से जुड़े लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा

वाल्मीकि व्याघ्र आश्रयणी में कोरोना की वजह से पर्यटन को काफी क्षति हुई है. ऐसे में टूरिस्ट इंडस्ट्रीज से जुड़े लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. अक्तूबर एवं नवंबर माह की बुकिंग कैंसिल हो चुकी है. 2020-21 के सीजन में पर्यटकों के आगमन की संभावनाएं कम ही हैं. जब तक वैक्सीन नही आ जाती है. तब तक पर्यटन की यही स्थिति बनी रहेगी.

साकेत राय, निदेशक, प्रकृति दरबार

अधिक नुकसान धार्मिक पर्यटन को

कोरोना महामारी से पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. कोरोना वायरस के चलते पर्यटन उद्योग को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. अधिक नुकसान धार्मिक पर्यटन को हुआ है. टूरिस्ट इंडस्ट्रीज से लाखों लोगों के परिवारों का भरण पोषण होता है. धार्मिक स्‍थल अब भी बंद है. जो धार्मिक खुले है. वहां दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग का प्रावधान किया गया हैं.

एसबीपी वर्मा, निदेशक , पटना टूर एंड ट्रेवलस

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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