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कोरोना संकट से अप्रैल में बिहार के राजस्व संग्रह में 82 फीसदी की कमी : सुशील मोदी

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को कहा है कि कोरोना संकट के कारण राज्य के राजस्व संग्रह में काफी कमी आयी है. पिछले वित्तीय वर्ष के अप्रैल महीने की तुलना में इस साल अप्रैल में टैक्स संग्रह में 82.29 प्रतिशत की कमी आयी है. अप्रैल 2020 में जहां वेतन, पेंशन, आपदा प्रबंधन, सामाजिक सुरक्षा, लोक ऋण के मूलधन और ब्याज की वापसी तथा पंचायतों के अनुदान पर 12 हजार 202 करोड़ खर्च हुआ.

By Samir Kumar | May 18, 2020 6:25 PM

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को कहा है कि कोरोना संकट के कारण राज्य के राजस्व संग्रह में काफी कमी आयी है. पिछले वित्तीय वर्ष के अप्रैल महीने की तुलना में इस साल अप्रैल में टैक्स संग्रह में 82.29 प्रतिशत की कमी आयी है. अप्रैल 2020 में जहां वेतन, पेंशन, आपदा प्रबंधन, सामाजिक सुरक्षा, लोक ऋण के मूलधन और ब्याज की वापसी तथा पंचायतों के अनुदान पर 12 हजार 202 करोड़ खर्च हुआ. वहीं, राज्य को अपने सभी तरह के संसाधनों से मात्र नौ हजार 861 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए हैं. इस कारण दो हजार 341 करोड़ के घाटे को पहले की बचत की राशि से पूरा किया गया.

डिप्टी सीएम ने बताया कि 2019 के अप्रैल में राज्य का अपना राजस्व संग्रह दो हजार 542 करोड़ की तुलना में 24 मार्च से लॉकडाउन लागू होने के कारण अप्रैल 2020 में मात्र 450 करोड़ ही हो पाया है. सुशील मोदी ने कहा कि वाणिज्य कर में अप्रैल 2019 के दौरान एक हजार 622 करोड़ रुपये की तुलना में अप्रैल 2020 में महज 256 करोड़, निबंधन से 299 करोड़ की जगह महज चार करोड़, परिवहन से 189 करोड़ की जगह 31 करोड़, खनन से 71 करोड़ की जगह 60 करोड़ और अन्य स्रोतों से 359 करोड़ की तुलना में सिर्फ 99 करोड़ का ही संग्रह हुआ है.

उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि इस तरह राज्य को अपने अन्य स्रोतों से कुल 450 करोड़ के राजस्व संग्रह के साथ केन्द्रीय करों में हिस्से के रूप में चार हजार 632 करोड़ और केंद्र सरकार से अनुदान के तौर पर दो हजार 450 करोड़ समेत सभी अन्य संसाधनों से सिर्फ नौ हजार 861 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जिसके कारण खर्च और आय में दो हजार 341 करोड़ का घाटा रहा.

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