पटना : कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में बिहार विश्व के औसत को मात दे रहा है. भले ही पूरे विश्व की तुलना में कोरोना मरीजों की संख्या बिहार से काफी कम है, मगर हम कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों के प्रतिशत की तुलना करें तो देश ही नहीं पूरे विश्व से बिहार का औसत काफी बेहतर है. इसमें आश्चर्य की बात इसलिए है कि कोरोना के पीड़ित अधिकांश देश विकसित श्रेणी में आते हैं. उन देशों के राज्य भी काफी विकसित है. वहां मेडिकल सुविधाएं काफी बेहतर है.
भारत विकासील देशों की श्रेणी में आता है और बिहार एक पिछड़ा राज्य है. यहां मेडिकल सुविधाएं बेहतर नहीं होने के बावजूद यहां ठीक होने वाले मरीजों का प्रतिशत अधिक है. शनिवार देर शाम के आंकड़ों की बात करें तो पूरे विश्व में अब तक 22 यानी लगभग 22% कोरोना पीड़ित उबर गये हैं, जबकि देश स्तर पर कोरोना से उबरने वालों का प्रतिशत मात्र 8.67 यानी लगभग नौ फीसदी का है1 वहीं बिहार में अब तक 36.06 फीसदी कोरोना पीड़ित ठीक हो चुके हैं. इस हिसाब से पूरे विश्व की तुलना अगर बिहार से की जाये तो बिहार में 15 फीसदी अधिक मरीज ठीक हुए हैं.
वर्तमान समय में पूरे विश्व में कोरोना से पीड़ित मरीजों की संख्या 17 लाख दो हजार 689 है. इसमें एक लाख तीन हजार 41 मरीजों की मौत हो चुकी है. अब तक पूरे विश्व में तीन लाख 74 हजार 15 मरीजों ने कोरोना को मात दी है. इस हिसाब से लगभग 22% मरीज ठीक हुए हैं. वहीं देश में कोरोना पीड़ित मरीजों की संख्या सात हजार 529 के करीब है. इसमें 653 मरीज ठीक हो चुके हैं. यानी ठीक होने वाले मरीजों का प्रतिशत 8.67 है. इसके उलट अगर हम बिहार की बात करते हैं, तो बिहार में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 61 है. अब तक इसमें 22 मरीज ठीक हो चुके हैं. यानी ठीक होने वाले मरीजों का प्रतिशत 36.06 है.
कोरोना से मरने वालों की बात करें तो भारत में कोरोना से मरने वालों का प्रतिशत पूरे विश्व के मुकाबले आधा है. विश्व में भारत की तुलना में दोगुना फीसदी लोग कोरोना से मर रहे हैं. भारत में अब तक दो सौ 42 लोगों की मौत हुई है. यह देश में कुल मरीजों की संख्या का 3.21 फीसदी है. वहीं पूरे विश्व में अब तक एक लाख तीन हजार 41 लोग कोरोना से मर चुके हैं, जो विश्व के कुल मरीजों की संख्या का छह फीसदी है.