विजय सिंह, पटना : कोरोना से प्रभावित राजधानी के कंटेंनमेंट जोन में लोग अब राहत महसूस करने लगे हैं. करीब एक सप्ताह से किसी भी कंटेंनमेंट जोन से नये मरीज नहीं मिले हैं, जिससे लोगों का हौसला बढ़ा है. तनाव के बादल छंटे हैं. पुलिस व प्रशासन के पहरे और गली में लगे बैरिकेड के बाद कैद की जिंदगी जी रहे लोगों को थोड़ा ऑक्सीजन मिला है. खाजपुरा के लोगों का कहना है कि यहां से जिन लोगों को क्वारेंटिन सेंटर भेजा गया था, उनकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद वे वापस आ गये हैं और आराम से अपने घरों में रह रहे हैं. सुबह व शाम के समय सब्जी व अन्य सामान खरीदने के लिए बाहर भी निकल रहे हैं. इससे पहले दिन वाला दहशत अब कम हो गया है.
खाजपुरा में सुबह दुकानों पर उमड़ रही भीड़ खाजपुरा अभी भी कंटेनमेंट जोन में है, इसलिए अभी पूरी तरह से खतरा नहीं टला है. नये मरीज के नहीं मिलने से थोड़ी राहत जरूर है. लेकिन, अगर इस बीच लापरवाही बरती गयी, तो दोबारा कोरोना पॉजिटिव का खतरा सामने खड़ा हो जायेगा. खाजपुरा के लोगों का कहना है कि सुबह दो घंटे के लिए दुकान खुलने पर जब सामान खरीदने की छूट मिलती है, तो लोग एक साथ ही दुकान पर टूट जा रहे हैं. हालत यह है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है.
नये मरीज के नहीं मिलने से लोग थोड़ा बेफिक्र भी हो गये हैं, जिससे इस तरह की हरकत कर रहे हैं.बैरिकेड छोड़कर मेन रोड पर खड़ी रहती है पुलिसखाजपुरा समेत अन्य कंटेनमेंट जोन में तैनात किये गये पुलिसकर्मी भी डरे हुए हैं. हालत यह है कि जहां जिस गली को बैरिकेड किया गया है, वहां पर पुलिसकर्मी हमेशा तैनात नहीं रह रहते. खाजपुरा में सुबह, दोपहर, शाम चक्कर लगाकर पुलिसकर्मी वापस मेन रोड पर जाकर खड़े हो जाते हैं. इससे खाजपुरा में रहने वाले लोग कनेक्टिंग गलियों से निकल कर दूसरी जगह सामान खरीदने या घूमने-टहलने निकल जा रहे हैं. पुलिस की तैनाती बैरिकेड के पास नहीं रहने की वजह से लोग थोड़ा लापरवाही बरत रहे हैं, जो आगे खतरा बन सकता है.