आनंद तिवारी, पटना: प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना की वैक्सीन नि:शुल्क लगायी जा रही है. इसके बावजूद पटना जिले के सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन लगवाने ज्यादा लोग पहुंच रहे हैं. हालिया रिपोर्ट में पाया गया है कि दूसरे चरण के वैक्सीनेशन में करीब 70 प्रतिशत बुजुर्गों ने सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन लिया है. जबकि इसकी तुलना में महज 30 प्रतिशत बुजुर्ग ही प्राइवेट अस्पताल पहुंचे हैं. टीका लेने वालों में 60 साल से ज्यादा की उम्र वाले लोग और 45 से 49 साल के कोमर्बिडिटीज वाले लोग शामिल हैं.
पटना जिले में कुल 89 अस्पतालों में कोरोना का वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाया जा रहा है. इनमें 39 सरकारी तो 50 प्राइवेट अस्पतालों में सेंटर बनाये गये हैं. जबकि प्राइवेट अस्पतालों की संख्या सरकारी की तुलना में अधिक है और दोनों ही जगह टीका नि:शुल्क है. बावजूद प्राइवेट में रफ्तार नहीं बढ़ रही है.
टीका लगाने वाले बुजुर्गों का कहना है कि प्राइवेट अस्पतालों में टीका का प्रचार-प्रसार नहीं किया जा रहा है. यहां तक की टीका के बदले अस्पताल वाले मरीजों के इलाज को अधिक तवज्जो दे रहे हैं. यही वजह है कि जब पटना में कोरोना पीक पर था, उस समय प्राइवेट अस्पतालों के बेड खाली थे, लेकिन शहर के सरकारी अस्पतालों में बेड भरे हुए थे.
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वहीं सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी का कहना है कि यह वही है कि प्राइवेट की तुलना में सरकारी अस्पतालों में अधिक वैक्सीन लगायी जा रही है. प्राइवेट अस्पताल वैक्सीनेशन को लेकर प्रचार-प्रसार कम कर रहे हैं.
सीएस ने कहा कि मीटिंग के दौरान उन्हें अस्पताल में आने वाले सभी बुजुर्गों व बीमार लोगों को वैक्सीन देने के लिए निर्देश जारी किया गया है. अधिक से अधिक बुजुर्गों का वैक्सीन निजी अस्पतालों में हो इसको लेकर रणनीति बनायी जा रही है.
Posted By: Thakur Shaktilochan