बिहार की सियासत में वायरल हो रहे मर्दानगी, यौन क्षमता और नपुंसकता जैसे शब्द, जानिए क्यों राजनीति के इर्द-गिर्द घूम रहे ये शब्द

बिहार ने कोरोना वायरस के संक्रमण पर काफी हद तक काबू पाया लिया है. लेकिन, अब इसपर एक नई राजनीति शुरु हो गई है. मर्दानगी, यौन क्षमता और नपुंसकता जैसे शब्द अब तेजी से उपयोग हो रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2021 6:45 PM

पटना. बिहार ने कोरोना वायरस के संक्रमण पर काफी हद तक काबू पाया लिया है. लेकिन, अब इसपर एक नई राजनीति शुरु हो गई है. विपक्ष कोरोना के कम होते मामले के लिए सरकार की ओर से टीकाकरण अभियान पर सवाल खड़ा कर रही है. सत्ता पक्ष भी इसपर पलटवार करने का कोई अवसर नहीं छोड़ रही है. इसी क्रम में अब वैक्सीन के उपयोग से मर्दानगी, यौन क्षमता और नपुंसकता जैसे शब्द को जोड़कर हमले किए जा रहे हैं. ये शब्द अब सोशल मीडिया में तेजी से वायरल भी होने लगे हैं.

दरअसल, लालू परिवार द्वारा वैक्सीन नहीं लगाए जाने पर सत्ता पक्ष हमलावर हैं. कहा जा रहा है कि तेजस्वी यादव समेत पूरे लालू परिवार फिलहाल वैक्सीन लगवाने को तैयार नहीं हैं. इस पर भाजपा नेता ने तेजस्वी को उस अफवाह का शिकार बता दिया जिसके तहत यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि इसका कुप्रभाव मनुष्य की यौन क्षमता पर पड़ता है.

भाजपा प्रवक्‍ता डॉ रामसागर सिंह ने इसी क्रम में तेजस्‍वी से अपील करते हुए उनसे आग्रह किया है कि देश-दुनिया के वैज्ञानिकों का विश्‍वास कीजिए इस टीका से मर्दानगी नहीं जाती और यौन क्षमता पर भी कोई असर नहीं पड़ता है.डा. सिंह ने तेजस्‍वी को स्‍वयं टीका लगवाने और अपने परिवार तथा समर्थकों को भी टीका लगवाने का भी आग्रह किया है. उन्होंने तेजस्वी से अपील किया है कि वे टीका लेते हुए तस्‍वीर को भी इंटरनेट मीडिया पर डालें ताकि लोग आपसे प्रेरित होकर टीका लगवा सकें. इसपर तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी किस स्तर तक गिर सकती है समझा जा सकता है. बीजेपी के अपशब्दों का कोई मतलब नहीं. उनकी सारी बातों को मैं आशीर्वाद की तरह लेता हूं.

बताते चलें कि तेजस्वी ने कहा है कि जबतक 70 प्रतिशत आबादी का वैक्सीनेशन नहीं हो जाता, तब तक मै वैक्सीन नहीं लगवायेंगे. तेजस्वी के इस ट्वीट के बाद जेडीयू नेता नीरज कुमार ने दावा किया था कि पूरा का पूरा लालू परिवार ही टीका लेने के खिलाफ है. अब इसमें हकीकत क्या है यह तो कोई नहीं जानता, लेकिन टीकाकरण के बहाने बिहार की सियासत यौन क्षमता, मर्दानगी और नपुंसकता जैसे शब्दों के इर्द गिर्द घूमने लगी है.

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