पटना : कोरोना ने सूबे के शहरों के विकास की राह में बड़ी बाधा खड़ी कर दी है़ पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर व गया से लेकर कुल 142 नगर निकायों में चल रही केंद्र व राज्य की विकास योजनाओं पर अब ब्रेक लग चुका है़ बीते एक सप्ताह से सभी प्रोजेक्टों को तत्काल प्रभाव से रोक दिये गये हैं. फिलहाल नगर विकास व आवास विभाग के माध्यम से चल रही योजनाओं मसलन शहरी गरीबों को आवास, शहरों में पार्क निर्माण, कई जगहों पर सीवरेज ड्रेनेज का काम, शहर के चार बड़े शहरों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, हर घर नल-जल योजना, हर घर पक्की नाली- गली योजना, बड़े शहरों में जलापूर्ति के प्रोजेक्ट, 22 गंगा शहरों में एसटीपी व रिवर फ्रंड डेवलपमेंट, शहर में नगर भवन का निर्माण, शहरों में स्ट्रीट लाइट लगाने का काम, कई शहरों में बस स्टैंड के निर्माण से लेकर अन्य सभी विकास योजनाएं पूर्ण रूप से बंद हो गयी है़ं वहीं, इससे एक तरफ विकास रुका हुआ है़ दूसरी तरफ, इससे जुड़े हजारों लोगों को काम बंद हो गया है़, जिनका दूरगामी असर पड़ने वाला है़
पेयजल योजना
वर्तमान में सूबे के कुल 3398 वार्डों में से लक्षित 3370 वार्डों में से अब तक तीन हजार दो सौ 96 वार्डों की निविदा निकाली जा चुकी है़ दो हजार नौ सौ 31 वार्डों में कार्य प्रारंभ हो चुका है़ मात्र नौ लाख 70 हजार एक सौ 24 घरों में पानी पहुंचा है़ इसके अलावा मुजफ्फरपुर में 361 करोड़ की योजना, भागलपुर में 219 करोड़ की योजना, पटना में 2048 करोड़ की योजना पर फिलहाल कोई काम नहीं किया जा रहा है़
नमामि गंगे
नगर विकास व आवास विभाग से राज्य के 22 शहरों में चलायी जा रही नमामि गंगे प्रोजेक्ट लगभग 5683.36 करोड़ की है़ इसके तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की कुल 30 योजनाएं, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट की एक योजना व नदी घाट सौंदर्यीकरण की दो योजनाएं सहित कुल 33 योजनाओं की स्वीकृति मिली है़ इनमें से 22 योजनाओं का कार्य चल रहा है़ 11 योजनाओं के निविदा की तैयारी है़ स्वीकृति कुल योजनाओं में से 12 पटना शहर की हैं, जिसकी राशि 3572 करोड़ के लगभग की है, मगर हकीकत है कि पटना में रिवर फ्रंट के अलावा कहीं कोई योजना पूरी नहीं हुई है़ पटना में अधिकतर के काम शुरू हुए थे, जबकि अन्य शहरों में काम शुरू भी नहीं हो पाया था. अब सारे काम बंद हो चुके हैं.
142 नगर निकायों में चल रही थीं विकास योजनाएं
पक्की गली-नाली योजना
इस योजना में कुल 142 निकायों के 3371 वार्डों में से 3341 वार्डों में नाली- गली निर्माण के लिए निविदा जारी की गयी है़ कुल 3341 वार्डों में कार्य प्रारंभ हुआ है़ अभी केवल दस हजार सात सौ 80 योजना पूरी हुई है़ं पूरे राज्य में केवल चार लाख एक हजार सात घर तक 36 पक्की नाली- गली पहुंची़ इस बार इसमें 500 करोड़ का बजट प्रस्तावित है़ फिलहाल सारे काम रुक गये हैं.
स्मार्ट सिटी
राज्य के चार बड़े शहरों पटना, मुजफ्फरपुर व बिहारशरीफ में पहले से स्मार्ट सिटी का काम काफी धीमा है, लेकिन बीते माह केंद्र सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी की गयी थी कि अगर सभी शहरों को स्मार्ट सिटी के तहत दिये गये योजना के पहले किस्त की राशि खर्च नहीं की जाती, तो जून तक सारे पैसे लौट जायेंगे़ फिलहाल पटना 380 करोड़, भागलपुर के लिए 382 करोड़, मुजफ्फरपुर के लिए 112.50 करोड़ और बिहारशरीफ के लिए 110 करोड़ राशि बीते तीन वर्षों से जारी की गयी है़
अमृत मिशन
इस योजना के तहत राज्य के 21 नगर निकाय मसलन हाजीपुर, बक्सर, छपरा, जहानाबाद, बगहा, मोतिहारी, सीवान, औरंगाबाद, पूर्णिया, सासाराम, कटिहार, बेगूसराय, किशनगंज, बिहारशरीफ, आरा, दरभंगा, जमालपुर, सहरसा, बेतिया, डेहरी एवं मुंगेर में पेयजलापूर्ति के लिए 22 लाख 3 हजार सात सौ 48 की लागत से 36 जलापूर्ति योजनाएं चल रही हैं.
इससे पांच लाख 79 हजार सात सौ चार घरों में पानी पहुंचाना है़ इसके अलावा भागलपुर में 3265. 95 लाख, पटना में 4894.99 लाख व मुजफ्फरपुर में 15841.69 लाख की लागत से स्टॉम वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट और राज्य के 21 शहरों में कुल तीन हजार चार सौ 73 लाख 48 हजार की लागत से 29 पार्कों का निर्माण किया जाना है़