बिहार में रिकवरी रेट 69.06 फीसदी, कोरोना महामारी को लेकर नहीं होनी चाहिए राजनीति : सुशील मोदी

Coronavirus Bihar Latest News Update पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा है कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए एक तरफ हर गरीब परिवार को 4 मास्क और एक साबुन मुफ्त देने के लिए 160 करोड़ रुपये दिये गये, तो दूसरी तरफ मास्क लगाये बिना बाहर निकले लोगों से जुर्माना वसूलने की सख्ती भी की गयी. इसके बावजूद सार्वजनिक स्थलों पर एहतियात बरतने में शिथिलता बरती गयी, जिससे संक्रमण तेजी से बढ़ा और पूरे प्रदेश में 31 जुलाई तक संपूर्ण लाकडाउन लागू करना पड़ा. यदि हमने अपनी सामूहिक संकल्प शक्ति से काम लिया और नियमों का सख्ती से पालन किया तो संक्रमण की कड़ी अवश्य टूटेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2020 8:21 PM

Coronavirus Bihar Latest News Update पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा है कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए एक तरफ हर गरीब परिवार को 4 मास्क और एक साबुन मुफ्त देने के लिए 160 करोड़ रुपये दिये गये, तो दूसरी तरफ मास्क लगाये बिना बाहर निकले लोगों से जुर्माना वसूलने की सख्ती भी की गयी. इसके बावजूद सार्वजनिक स्थलों पर एहतियात बरतने में शिथिलता बरती गयी, जिससे संक्रमण तेजी से बढ़ा और पूरे प्रदेश में 31 जुलाई तक संपूर्ण लाकडाउन लागू करना पड़ा. यदि हमने अपनी सामूहिक संकल्प शक्ति से काम लिया और नियमों का सख्ती से पालन किया तो संक्रमण की कड़ी अवश्य टूटेगी.

उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि विभिन्न राज्यों में अलग-अलग दलों या गठबंधनों की सरकारें लोगों को कोरोना महामारी से बचाने में लगी हैं, इसलिए इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. विकसित प्रदेश महाराष्ट्र में दो लाख 60 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं और 10,482 मौतें हो चुकी हैं, जबकि बिहार में मात्र 18,853 संक्रमित हुए जिनमें 13,019 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. जिन 143 नागरिकों को बचाया नहीं जा सका, उनमें कुछ गंभीर बीमारियों से भी पीड़ित थे. बिहार की रिकवरी रेट 69.06% है जो राष्ट्रीय स्तर से काफी बेहतर है. यह सरकार के प्रयास, कोरोना योद्धाओं के परिश्रम और जनता के सहयोग से ही संभव हुआ है.

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि एहतियात, जांच और इलाज के प्रयासों में तेजी लाकर हम अब भी कोरोना को हरा सकते हैं. लॉकडाउन कोई बंदिश नहीं, बल्कि संयम से महामारी को जीतने का जज्बा दिखाने का एक ब्रेक भर है.

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