पटना : बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि कोरोना वायरस से राज्यवासियों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है. इस मामले में राज्य सरकार न सिर्फ गंभीर है, बल्कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क और सक्षम भी है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की हर संदिग्धों पर कड़ी नजर है. स्वास्थ्य विभाग स्वतंत्र तरीके से इसकी माॅनिटरिंग कर रहा है और भारत सरकार के संपर्क में है.
मंगल पांडेय ने कहा कि पटना एयरपोर्ट पर जहां डाॅक्टरों की टीम बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच में जुटी है तथा 17,187 व्यक्तियों का स्कीनिंग किया गया है. वहीं, भारत-नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में संदिग्धों की जांच की जा रही है. स्वास्थ्य मंत्री ने एक बयान में कहा कि बिहार में अब तक 49 संदिग्धों के सैंपल को जांच के लिए भेजा गया था, जिसमें एक सैंपल को रिजेक्ट कर दिया गया है, 3 का रिपोर्ट आने वाला है. शेष 45 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव पाये गये हैं.
मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना को लेकर सूबे में अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को ऐसे मामलों में चैकन्ना रहने का निर्देश दिया है, ताकि संदिग्ध पाये जाने पर वैसे मरीजों की अविलंब प्राथमिक जांच कर उपचार की जा सके. दूसरी ओर राज्य सरकार ने पटना के राजेंद्र मेडिकल आॅफ रिसर्च इंस्टीच्यूट (आरएमआरआई) में संदिग्ध मरीजों की जांच की व्यवस्था की जा रही है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर बिहार में एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड के साथ सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है. पीएमसीएच को अलर्ट मोड पर रखा गया है एवं सात बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. सभी सदर अस्पतालों में 5 बेड का आइसोलेटेड वार्ड बनाया गया है. वार्ड को पूरी तरह से सुरक्षित रखा गया है. वार्ड के नजदीक किसी को जाने की अनुमति नहीं दी गयी है.
उन्होंने कहा कि पीएमसीएच का माइक्रो वायरोलॉजी विभाग पूरी सेफ्टी के साथ जांच में जुटा हुआ है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने भी बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक कर कहा है कि केंद्र सरकार कोरोना से लड़ने को तैयार है. किसी भी कीमत पर कोरोना को देश में नहीं फैलने दिया जायेगा.