पटना : कोरोना संक्रमण के बढ़ते स्तर को देखते हुए राज्य में डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन) के दो अस्थायी हॉस्पिटल के लिए पटना और मुजफ्फरपुर में स्थान का चयन कर लिया गया है. अब जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा. पटना में बिहटा स्थित इएसआइसी हॉस्पिटल को 500 बेड का कोविड-19 स्पेशल हॉस्पिटल बनाया जायेगा, जबकि मुजफ्फरपुर में पताही हवाई अड्डा के पास जमीन का चयन किया गया है, जिसमें 500 बेड के अस्पताल का अस्थायी निर्माण कराया जायेगा.
इन दोनों अस्पतालों में 125-125 बेड आइसीयू के भी होंगे. दोनों अस्पतालों के निर्माण की स्थिति और इससे जुड़े कार्य की प्रगति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ जी सतीश रेड्डी से फोन पर विस्तृत बातचीत की. उन्होंने कहा कि दोनों स्थानों पर जल्द- से -जल्द इनका निर्माण कार्य शुरू हो जाये ताकि लोगों को निर्धारित समय में इसका पूरी तरह से लाभ मिल सके. केंद्रीय मंत्री को डीआरडीओ ने बताया कि दोनों स्थानों पर जमीन के निरीक्षण का काम पूरा हो गया है. अब इसका निर्माण कार्य जल्द ही शुरू कर दिया जायेगा. इनमें सेना के ही डॉक्टर और पारा मेडिकल स्टाफ रहेंगे. कार्यों को मूर्त रूप देने पर खासतौर से ध्यान दिया जा रहा है.
इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने बताया कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए बिहार सरकार पूरी मुस्तैदी से जुटी हुई है. साथ ही केंद्र सरकार भी हर संभव मदद उपलब्ध करा रही है. जिस तरह दिल्ली में डीआरडीओ ने कोविड-19 के खिलाफ जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए अस्थायी हॉस्पिटल समेत तमाम चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराया है. इसी के तर्ज पर बिहार में दोनों अस्पतालों का निर्माण और संचालन किया जायेगा. यहां की जनता के लिए यह वरदान साबित होगा. इन दोनों अस्थायी अस्पतालों से यहां के लोगों को काफी मदद मिलेगी. केंद्रीय मंत्री ने इन दोनों हॉस्पिटलों को उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और गृह मंत्री के प्रति आभार भी व्यक्त किया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने एम्स पटना द्वारा कोविड-19 की मौजूदा स्थिति एवं भविष्य की तैयारियों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा की. इस दौरान एम्स मामलों के संयुक्त सचिव सुनील शर्मा भी उपस्थित थे. पटना एम्स द्वारा कोविड-19 को लेकर अभी तक उठाये गये कदमों एवं भविष्य की तैयारियों को एक प्रजेंटेशन के जरिए केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री के सामने रखा गया. श्री चौबे ने वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल की भी जानकारी ली. बुधवार से क्लीनिकल ट्रायल का दूसरा कोर्स शुरू हो गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कोरोना पीड़ितों का भी हालचाल जाना.