पटना : पीएमसीएच, पटना एम्स और एनएमसीएच समेत सभी मेडिकल काॅलेजों के कोविड व आइसोलेशन वार्ड में अब 24 घंटे सीनियर डाॅक्टर उपलब्ध रहेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने यह व्यवस्था लागू कर दी है. बुधवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में यह निर्णय लिया गया. सभी वार्डों में डेडिकेटेड डाॅक्टरों की तैनाती की जा रही है. सभी वार्डों में सीनियर डाॅक्टर 24 घंटे मौजूद रहेंगे.
इन्हीं डाॅक्टरों पर वार्ड के मरीजों की पूरी जिम्मेदारी होगी. अधिक समय तक पीपीइ किट पहने कर डयूटी करने में आ रही दिक्कतों पर विचार करने के बाद यह तय किया गया कि डॉक्टरों की डयूटी में चार घंटे की कमी कर दी जाये. लिहाजा अब पीपीइ किट के साथ डाक्टरों की अधिकतम डयूटी चार से छह घंटे की ही होगी. इसके लिए डाक्टरों की ड्यूटी शिफ्ट में लगायी जायेगी. डाॅक्टरों की डयूटी की जानकारी नोटिस बोर्ड पर भी रहेगी.
अस्पताल के अधीक्षक इस पर निगरानी रखेंगे. सूचना सचिव अनुपम कुमार और स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बुधवार को बताया कि सभी अनुमंडल अस्पतालों में कोरोना जांच शुरू कर दी गयी है. कई जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी जांच शुरू हो गयी है. इस सप्ताह के अंत तक सभी पीएचसी में जांच शुरू कर दी जायेगी. मेडिकल काॅलेजों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये हैं. पटना एम्स में यह सुविधा पहले से ही उपलब्ध है. इससे कोविड वार्डों की 24 घंटे निगरानी और वहां के डाॅक्टर व स्टाफ की ट्रेनिंग भी हो पायेगी. सभी मेडिकल काॅलेजों की निगरानी के लिए प्रमंडलीय आयुक्तों को जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
सभी जगहों पर आइएएस, आइपीएस और बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को तैनात किया गया है. पटना के सभी अस्पतालों में भी अधिकारियों की पोस्टिंग की गयी है, जो 24 घंटे मरीजों के साथ समन्वय करेंगे. पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल और नालंदा मेडिकल काॅलेज अस्पताल समेत सभी मेडिकल काॅलेजों में नये सिरे से कंट्रोल रूप स्थापित किये गये हैं.पटना प्रमंडल के आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि एनएमसीएच के अधीक्षक को बदल दिया गया और नये अधीक्षक ने बुधवार को कार्यभार संभाल लिया है. श्री अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार को एनएमसीएच का जायजा लिया गया था. इंचार्ज ने जो भी परेशानियां बतायी थीं, सबके समाधान किये गये हैं. एनएमसीएच में आॅक्सीजन पाइप लगे बेड पहुंचा दिये गये हैं. सीसीटीवी के साथ ही इंटरकाॅम की भी व्यवस्था की गयी है. मरीज के साथ आये अटेंडेंट या उनके परिजनों के बैठने की समस्या का भी हल निकाला गया है.