पटना : देश जिस कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है उसका सबसे पहले इंसानों पर ट्रायल पटना एम्स में शुरू हो गया है. बुधवार को देश में पहली बार किसी इंसान को इस वैक्सीन की डोज दी गयी. यह डोज पटना एम्स में दी गयी. जिसे यह दी गयी है वह एक युवक है और पटना का ही रहने वाला है. ट्रायल की गोपनीयता से जुड़े नियमों के कारण हम उसका नाम उजागर नहीं कर रहे हैं.
सोमवार को ही पटना एम्स में यह युवक और सात अन्य युवक कोरोना वैक्सीन के खुद पर ट्रायल करवाने के लिए पहुंचे थे. नियमों के तहत इसके लिए 18 से 55 वर्ष की उम्र के पूरी तरह से स्वस्थ व्यक्ति चाहिए थे. ऐसे में इन सभी के स्वास्थ्य की जांच की गयी और फिर इन्हें घर भेज दिया गया था. बुधवार को इनमें से पूरी तरह स्वस्थ पाये गये दो लोगों को काॅल कर पटना एम्स बुलाया गया. लेकिन, एक ही पहुंच पाया. पहुंचने वाले युवक की काउंसेलिंग की गयी और उससे वैक्सीन ट्रायल का हिस्सा बनने के लिए सहमति ली गयी.
अब 14 व 28 दिन के बाद उसे एम्स बुलाया जायेगा और उसके सैंपल लेकर जांचा जायेगा कि उसके शरीर में कोरोना से लड़ने वाली एंटी बाॅडी विकसित हुई है या नहीं. अगर एंटी बाॅडी बनेगी, तो यह माना जायेगा कि कोरोना से बचाव में वैक्सीन का इस्तेमाल इंसानों पर किया जा सकता है.
कोरोना से बचाव के लिए इस वैक्सीन को आइसीएमआर व भारत बायोटेक की साझेदारी से तैयार किया गया है. जानवरों पर इसका परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा है. इसके इंसानों पर ट्रायल की प्रक्रिया देश भर के 13 मेडिकल काॅलेजों व अस्पतालों में चल रही है. इसमें पटना एम्स ने सबसे पहले ट्रायल शुरू कर दिया है. ऐसे में सब कुछ ठीक रहा, तो उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार 15 अगस्त तक यह वैक्सीन लोगों के लिए लांच कर देगी. अगर ऐसा हुआ, तो यह दुनिया में कोरोना की पहली वैक्सीन हो सकती है.