पटना : बिहार में जिस तेजी से कोरोना का संक्रमण फैलता जा रहा है. उसी तेजी से बैंककर्मी भी इसकी चपेट में आते जा रहे हैं. इसे देखते हुए बैंककर्मियों की सुरक्षा को लेकर तेजी से मानकों का पालन करने की मांग बढ़ती जा रही है. राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) ने इसे लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया है. इसे वित्त मंत्री को सौंपा जायेगा. फिर इन मांगों को राज्य के माध्यम से इसे केंद्रीय वित्त मंत्रालय तक पहुंचाया जायेगा, ताकि बिहार में तेजी से खराब होते हालात को देखते हुए बैंकों के लिए खास नियम या मानकों को लागू कराया जा सके.
इन पांच मांगों को लेकर प्रस्ताव : एसएलबीसी के तैयार प्रस्ताव में मुख्य रूप से पांच मांगें रखी गयी हैं. इसमें सभी बैंकों का समय सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक करना, बैंककर्मियों को अल्टरनेट डे बुलाने की व्यवस्था हो तथा कोविड-19 के इलाज के लिए निजी अस्पतालों को भी चिह्नित किया जाये, ताकि बैंक वाले इनसे टाइअप करके अपने कर्मियों का सरल तरीके से इलाज करा सकें. इसके अलावा बैंककर्मियों के लिए अलग से आइसोलेशन सेंटर या किसी होटल को चिह्नित कर दिया जाये. इस मामले में ऑल इंडिया बैंक ऑफिर्स कंफेडरेशन (एआइबीओसी) के महासचिव अजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि बैंककर्मियों की सुरक्षा के मद्देनजर सरकार के पास प्रस्ताव पेश किया गया है.
कोरोना के कारण राज्य में अब तक एक दर्जन से ज्यादा बैंक अधिकारियों और कर्मियों की मौत हो चुकी है. इसमें एसबीआइ के कर्मियों की संख्या ज्यादा है. इसके अलावा सिर्फ पटना में ही करीब ढाई सौ बैंक कर्मी संक्रमित हैं. अगर पूरे बिहार की बात की जाये, तो संक्रमितों की संख्या करीब एक हजार होगी. हालांकि, बैंक कर्मियों के संक्रमण का अलग से कोई आंकड़ा राज्य सरकार के पास नहीं है.