कोरोना से बचाव में विफल रही बिहार सरकार, सीएम राहत कोष का दे हिसाब : तेजस्वी
पटना : बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार कोरोना महामारी से बचाव में विफल रही है. पार्टी कार्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार बिहार को बर्बादी की ओर ले जा रही है. लोगों की जान-माल से खेल रही है. उन्होंने कहा कि जिस सरकार ने सदन तक को गुमराह किया ऐसी सरकार पर जनता विश्वास क्यों करे. राजद की सरकार आती है तो हम सामाजिक न्याय के साथ आर्थिक न्याय भी करेंगे.
पटना : बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार कोरोना महामारी से बचाव में विफल रही है. पार्टी कार्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार बिहार को बर्बादी की ओर ले जा रही है. लोगों की जान-माल से खेल रही है. उन्होंने कहा कि जिस सरकार ने सदन तक को गुमराह किया ऐसी सरकार पर जनता विश्वास क्यों करे. राजद की सरकार आती है तो हम सामाजिक न्याय के साथ आर्थिक न्याय भी करेंगे.
राजद नेता आलोक मेहता और हाल ही में पार्टी में शामिल हुए पूर्व मंत्री श्याम रजक के साथ प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी यादव ने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि यहां बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई का प्रति व्यक्ति खर्च 104.40 रुपये है. राष्ट्रीय औसत 199.20 रुपये है. बाढ़ के नाम पर हजारों करोड़ का घोटाला हो रहा है. 15 वर्ष में नये तटबंध, डैम-बैराज नहीं बनाये गये. मुख्यमंत्री सभी समस्याओं को भगवान पर छोड़ देते हैं. 16 जिलों, 130 प्रखंडों के 1331 पंचायतों में 83.62 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं उनकी चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरे बार-बार मांग पर प्रभावित इलाकों के दौरा की खानापूरी की गयी.
तेजस्वी ने कहा कि बीते 28 दिनों में 79,861 नये मरीज मिले हैं. 376 की मौत हो चुकी है. ये स्थिति तब है, जब पूरा प्रदेश पिछले तीन महीने से लगातार लॉकडाउन में है. अब भी आरटी-पीसीआर टेस्ट की संख्या छह हजार के आसपास है. इस विधि से जांच करने में 50 फीसदी से अधिक लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. वहीं रैपिड ऐंटिजेन टेस्ट किट से औसतन तीन से पांच फीसदी लोगों की जांच रिपोर्ट ही पॉजिटिव आ रही है. इसी कारण बिहार में जब 10 हजार जांच हो रहे थीं तो करीब तीन हजार लोग पॉजिटिव पाए जा रहे थे. एक लाख जांच हो रही हैं तब भी उतने ही पॉजिटिव निकल रहे हैं.
राजद नेता ने कहा कि सरकार द्वारा हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि आधे से ज्यादा लोगों को नहीं मिल पायी. जबकि, मैंने जून में सरकार से मांग की थी कि प्रतिदिन सौ रुपये भत्ते के रूप में कम से कम 100 दिनों का भत्ता जो 10 हजार रुपये है, सभी बेरोजगार कामगारों को दें.
Upload By Samir Kumar