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पटना स्थित बिहार के इन दो बड़े अस्पतालों में हो रहा सिर्फ गंभीर मरीजों का ऑपरेशन, गरीब मरीजों की बढ़ी परेशानी…

पटना: राज्य के दो बड़े अस्पतालों पीएमसीएच और आइजीआइएमएस में कई तरह के हल्के या प्लानिंग कर होने वाले ऑपरेशन बंद चल रहे हैं. इससे गरीब मरीजों को परेशानी हो रही है. आइजीआइएमएस में सिर्फ बेहद गंभीर मरीजों का ऑपरेशन हो रहा है. गॉल ब्लाडर के ऑपरेशन समेत प्लानिंग कर होने वाले कई तरह के ऑपरेशन बंद हैं. इसका कारण कोरोना है. इसके अतिरिक्त अन्य सरकारी अस्पतालों में भी कोरोना के कारण विभिन्न तरह के ऑपरेशन बंद हैं. आइजीआइएमएस को कोरोना ने खासतौर से प्रभावित किया है. यहां कोरोना से बचाव के लिए होने वाले उपायों के कारण गॉल ब्लाडर समेत कई तरह के साधारण माने जाने वाले ऑपरेशन बंद हैं. यहां अभी ज्यादातर वैसे ही ऑपरेशन किये जा रहे हैं, जो राज्य के अन्य अस्पतालों में नहीं हो सकते या बेहद जटिल ऑपरेशन माने जाते हैं. गॉल ब्लाडर का ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों को कुछ माह बाद आने को कहा जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 27, 2020 7:03 AM

पटना: राज्य के दो बड़े अस्पतालों पीएमसीएच और आइजीआइएमएस में कई तरह के हल्के या प्लानिंग कर होने वाले ऑपरेशन बंद चल रहे हैं. इससे गरीब मरीजों को परेशानी हो रही है. आइजीआइएमएस में सिर्फ बेहद गंभीर मरीजों का ऑपरेशन हो रहा है. गॉल ब्लाडर के ऑपरेशन समेत प्लानिंग कर होने वाले कई तरह के ऑपरेशन बंद हैं. इसका कारण कोरोना है. इसके अतिरिक्त अन्य सरकारी अस्पतालों में भी कोरोना के कारण विभिन्न तरह के ऑपरेशन बंद हैं. आइजीआइएमएस को कोरोना ने खासतौर से प्रभावित किया है. यहां कोरोना से बचाव के लिए होने वाले उपायों के कारण गॉल ब्लाडर समेत कई तरह के साधारण माने जाने वाले ऑपरेशन बंद हैं. यहां अभी ज्यादातर वैसे ही ऑपरेशन किये जा रहे हैं, जो राज्य के अन्य अस्पतालों में नहीं हो सकते या बेहद जटिल ऑपरेशन माने जाते हैं. गॉल ब्लाडर का ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों को कुछ माह बाद आने को कहा जा रहा है.

अभी 70 प्रतिशत बेड पर ही मरीज

आइजीआइएमएस में अत्यंत गंभीर मरीजों को ही भर्ती किया जा रहा है. ऐसे में हर रोज दर्जनों मरीज भर्ती होने की उम्मीद में आइजीआइएमएस में जाते हैं और वहां से बिना भर्ती हुए ही लौट आते हैं. जानकारी के मुताबिक यहां अभी 70 प्रतिशत बेडों पर ही मरीज हैं. फिलहाल यहां पैनक्रियाज, लिवर, आंत, कैंसर, न्यूरो या ब्रेन आदि से संबंधित गंभीर केसों में ऑपरेशन हो रहे हैं. मोतियाबिंद की सर्जरी भी यहां दुबारा से शुरू कर दी गयी है. आइजीआइएमएस के वार्ड में भर्ती होने के लिए कोरोना निगेटिव होना जरूरी है. इसलिए यहां भर्ती होने वाले सभी मरीजों की कोरोना जांच करवायी जाती है.

नेत्र रोग विभाग के वार्ड को बना दिया गया कोरोना आइसोलेशन वार्ड

पीएमसीएच में मोतियाबिंद की सर्जरी बंद है. इसके वार्ड को कोराना आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया गया. इसके कारण यहां अब तक मोतियाबिंद की सर्जरी शुरू नहीं हो पायी है. इसके कारण गरीब मरीजों को यह सर्जरी कराने में परेशानी हो रही है. पीएमसीएच में यह पूरी तरह से नि:शुल्क होती है.

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अत्यंत गंभीर मरीजों को प्राथमिकता

आइजीआइएमएस में हम अत्यंत गंभीर मरीजों का ऑपरेशन कर रहे हैं. खासतौर से वैसे ऑपरेशन या सर्जरी, जो सिर्फ आइजीआइएमएस में ही हो सकती हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर करते हैं. गॉल ब्लाडर आदि के मरीजों को कुछ दिन बाद अाने के लिए बोलते हैं.

– डॉ मनीष मंडल, चिकित्सा अधीक्षक, आइजीआइएमएस, पटना

जल्द होगी शुरू

नेत्र रोग विभाग के वार्ड को कोरोना आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. कोरोना को देखते हुए पीएमसीएच में मोतियाबिंद की सर्जरी बंद है, लेकिन अब जल्द ही इसे दुबारा से शुरू किया जा सकता है. हमारे यहां अन्य सभी तरह के ऑपरेशन हो रहे हैं.

-डॉ बीके कारक, अधीक्षक, पीएमसीएच

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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