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सर्जरी पूरी करने के बाद पता चला मरीज के कोरोना संक्रमित होने की बात, डॉक्टर व स्टाफ सहित पूरे अस्पताल में मचा हड़कंप…

पटना: इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में कोरोना जांच रिपोर्ट का इंतजार किये बगैर एक मरीज की सर्जरी कर अस्थायी पेसमेकर लगाना डॉक्टरों को महंगा पड़ गया. सर्जरी करने के करीब चार घंटे बाद मरीज की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर सर्जरी करने वाले डॉक्टर और स्टाफ में हड़कंप मच गया है. डॉक्टर अब खुद को कोरेंटिन करने के लिए अपने उच्च अधिकारियों के यहां चक्कर लगा रहे हैं. इसके साथ ही कैथ लैब को भी सैनिटाइज किया जा रहा है, जहां छोटी सर्जरी की गयी थी. फिलहाल मरीज को कोरोना वार्ड में शिफ्ट किया गया है, जहां डॉक्टरों की देखरेख में इलाज जारी है.

पटना: इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में कोरोना जांच रिपोर्ट का इंतजार किये बगैर एक मरीज की सर्जरी कर अस्थायी पेसमेकर लगाना डॉक्टरों को महंगा पड़ गया. सर्जरी करने के करीब चार घंटे बाद मरीज की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर सर्जरी करने वाले डॉक्टर और स्टाफ में हड़कंप मच गया है. डॉक्टर अब खुद को कोरेंटिन करने के लिए अपने उच्च अधिकारियों के यहां चक्कर लगा रहे हैं. इसके साथ ही कैथ लैब को भी सैनिटाइज किया जा रहा है, जहां छोटी सर्जरी की गयी थी. फिलहाल मरीज को कोरोना वार्ड में शिफ्ट किया गया है, जहां डॉक्टरों की देखरेख में इलाज जारी है.

100 मरीजों के बीच जनरल वार्ड में कोरोना मरीज

सीने में लगातार दर्द और बिगड़ी हालत को देखते हुए 50 वर्षीय एक मरीज को परिजन तीन दिन पहले आइजीआइसी लेकर गये. यहां डॉक्टरों ने जांच के बाद अस्थायी पेसमेकर लगाने की बात कही. मरीज को बिना कोरोना जांच किये बगैर अस्पताल के सेकेंड फ्लोर स्थित जनरल वार्ड के 20 नंबर बेड पर ले जाकर भर्ती कर दिया. वहीं, अगले दिन टेक्नीशियन की मदद से सुबह करीब 10:15 बजे पैथोलॉजी सेंटर में मरीज की कोरोना जांच करायी गयी. जांच के बाद दोपहर में मरीज को डॉक्टरों ने पेसमेकर लगाया. वहीं, पेसमेकर लगाने के करीब चार घंटे बाद शाम पांच बजे मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आयी.

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रिपोर्ट आने के बाद वार्ड के दूसरे मरीजों ने किया हंगामा

पेसमेकर लगाने के बाद मरीज को फिर से संबंधित वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. जनरल वार्ड में भर्ती दूसरे मरीजों को जैसे ही रात को उस मरीज के कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना मिली, उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया. वार्ड में भर्ती करीब 95 बेड के मरीज एकजुट हो गये और 20 नंबर बेड के मरीज को हटाने की मांग करने लगे. हंगामे की सूचना पाकर मौके पर सुरक्षा गार्ड व रात में ऑन ड्यूटी डॉक्टर व नर्स मौके पर पहुंच गये. मामले की जानकारी होने के बाद देर रात मरीज को कोविड वार्ड में शिफ्ट कराया गया, फिर मामला शांत हुआ.

सिर्फ एक से डेढ़ घंटे में ही होती है कोरोना की जांच

अस्पताल में भर्ती मरीज व उनके परिजनों की मानें, तो आइजीआइसी में रोजाना कोरोना जांच की सुविधा दी गयी है. यहां सैंपल कलेक्शन के लिए पीएमसीएच से पैथोलॉजी विभाग की टीम आती है. लेकिन संस्थान में सुबह के 10 से 11:30 बजे तक ही जांच की जाती है. वहीं, दोपहर, शाम या रात को आने वाले मरीजों की भी तय समय पर सुबह ही जांच होती है. ऐसे में 23 घंटे तक सभी मरीज संदिग्ध स्थिति में जनरल वार्ड में भर्ती रहते हैं. किस मरीज में कोरोना है या नहीं, इस बात की जानकारी मरीजों को शाम को पांच बजे की रिपोर्ट आने के बाद ही मिल पाती है.

क्या कहते हैं निदेशक

पेसमेकर लगाने के बाद जिस मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है, इसके बारे में जानकारी ली जायेगी. अगर गड़बड़ी पायी गयी, तो उस व्यवस्था को दुरुस्त किया जायेगा. अभी जूम से मीटिंग चल रही है. बाद में बात होगी.

डॉ अरविंद कुमार, निदेशक, आइजीआइसी

( आनंद तिवारी की रिपोर्ट )

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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