कोरोना के शक में सांप काटे मरीज को छूने तक नहीं आये पीएमसीएच के डॉक्टर, दो घंटे तक जान की दुहाई मांगने के बाद तोड़ा दम

Coronavirus in bihar पटना: बिहार में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के साथ ही पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है. गुरुवार को पीएमसीएच में इस तरह का नजारा देखने को मिला, जहां सांप काटने के बाद बिहटा निवासी 43 वर्षीय ओमप्रकाश नाम के एक मरीज की मौत हो गयी. मृतक की पत्नी प्रतिमा देवी ने डॉक्टरों के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाया. दरअसल इस महामारी से लड़ाई के दौरान अस्पताल में कई बार अव्यवस्था नजर आ चुकी है, लेकिन इस दहशत के बीच अस्पताल के डॉक्टर लापरवाह बने हुए हैं. बीमारी की आड़ में दूसरे रोग के मरीजों का इलाज तक नहीं किया जा रहा है. इसका खामियाजा मरीज अपनी जान देकर चुका रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | August 21, 2020 7:44 AM

पटना: बिहार में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के साथ ही पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है. गुरुवार को पीएमसीएच में इस तरह का नजारा देखने को मिला, जहां सांप काटने के बाद बिहटा निवासी 43 वर्षीय ओमप्रकाश नाम के एक मरीज की मौत हो गयी. मृतक की पत्नी प्रतिमा देवी ने डॉक्टरों के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाया. दरअसल इस महामारी से लड़ाई के दौरान अस्पताल में कई बार अव्यवस्था नजर आ चुकी है, लेकिन इस दहशत के बीच अस्पताल के डॉक्टर लापरवाह बने हुए हैं. बीमारी की आड़ में दूसरे रोग के मरीजों का इलाज तक नहीं किया जा रहा है. इसका खामियाजा मरीज अपनी जान देकर चुका रहे हैं.

चल रही थीं सांसें, छूने तक नहीं आये डॉक्टर

मृतक के छोटे साले राकेश कुमार के अनुसार सांप काटने के बाद निजी साधन से ओमप्रकाश को पीएमसीएच लाया गया. अस्पताल में आने के बाद उनकी सांसें चल रही थीं और वह इशारे से बातचीत भी कर रहे थे. अस्पताल में आने के बाद करीब दो घंटे तक इमरजेंसी वार्ड के ट्रॉली पर मरीज पड़े रहे, लेकिन कोई भी डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी देखने तक नहीं आये. मरीज को समय पर भर्ती नहीं किया जा सका. इतना ही नहीं नर्स व वार्ड ब्वाय बार-बार पूछ रहे थे कि मरीज को कोरोना तो नहीं हुआ है. वहीं, काफी प्रयास के बाद मरीज को भर्ती किया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.

Also Read: swachhata survey 2020: पीएम मोदी ने की स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के परिणाम की घोषणा, राजधानी पटना को मिला आखिरी स्थान, जानें अन्य शहरों की रैंकिंग…
सात घंटे तक जमीन पर पड़ा रहा शव

ओमप्रकाश की मौत के बाद शव काफी देर तक वार्ड के अंदर स्ट्रेचर पर ही पड़ा रहा. बाद में मृतक के बड़े साले मुकेश कुमार खुद ट्रॉली को बाहर परिसर में लाये. खास बात तो यह है कि ट्रॉलीमैन शव जमीन पर रख ट्रॉली लेकर चला गया. अस्पताल में मौजूद शव वाहन के लिए मुकेश व राकेश अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारियों के यहां चक्कर लगाते रहे, लेकिन कार्यालय के गेट से ही उनको लौटा दिया गया. करीब सात घंटे तक शव वाहन की तलाश में बॉडी प्रिंसिपल कार्यालय व टाटा वार्ड के सामने ही पड़ी रही, बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान नहीं गया. एंबुलेंस वाले भी मनमाना भाड़ा मांग रहे थे. अंत में छह हजार रुपये प्राइवेट एंबुलेंस को भाड़ा देकर शव को बिहटा ले जाया गया.

साहब मीटिंग में हैं, नो इंट्री कह कर लौटाया

मौत के मामले की जानकारी और प्रतिक्रिया जानने के लिए पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ विमल कारक के कार्यालय पहुंचने पर गेट के सामने सुरक्षा गार्डों ने नो इंट्री की बात कह लौटा दिया. सुरक्षा गार्डों ने साहब मीटिंग में हैं, कह कर आम लोगों की इंट्री पर रोक लगा दी. यहां तक कि शाम के छह बजे तक अधीक्षक के सरकारी मोबाइल पर फोन किया गया, लेकिन उन्होंने अपना मोबाइल बंद कर लिया था.

(संवाददाता आनंद तिवारी की रिपोर्ट)

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

Next Article

Exit mobile version