पटना. राज्य सरकार ने कोरोना के मरीजों की सुविधा और जांच की अधिक से अधिक संख्या बढ़ाने के लिए कई कारगर उपाय किये हैं. शनिवार को सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को कोरोना के इलाज के लिए नामित अस्पतालों में 24 घंटे काम करने वाले सपोर्ट सिस्टम की तैनाती के आदेश दिये. इसके तहत कोरोना के इलाज वाले अस्पतालों में डाक्टरों और मरीजों को तत्काल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहेंगे.
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इस टीम में हेल्थ मैनेजर व अन्य कर्मियों की तैनाती होगी. शिफ्ट में यह टीम काम करेगी. इसमें कई फोन नंबर भी उपलब्ध होंगे, जिन पर कोई भी व्यक्ति अपना इलाज, जांच और इसमें आ रही दिक्कतों की शिकायत कर सकेगा.सरकार के इस फैसले के बाद देर शाम सामान्य प्रशासन विभाग और गृह विभाग ने पंद्रह युवा अधिकारियों की तैनाती की.
इनकी तैनाती पटना,गया और भागलपुर के लिए की गई है. इनमें 2019 बैच के चार आइएएस अधिकारी हैं. जबकि 2019 बैच के ही पांच आइपीएस अधिकारी और 63 वीं बैच के बिहार प्रशासनिक सेवा के दस पदाधिकारी इनमें शामिल हैं. तीन आइएएस अधिकारियों में नवीन कुमार, सुमित कुमार और विक्रम विरकर को पटना तथा एक दीपक कुमार मिश्रा को भागलपुर में पोस्टिंग की गयी है. आइपीएस अधिकारियों में हिमांशु , अवधेश दीक्षित और शुभम आर्य को पटना एम्स , एनएमसीएच और पीएमसीएच में तैनात किया गया है.
इसी बैच के रौशन कुमार को एएनएमसीएच गया तथा भरत सोनी को जेएलएनएमसीएच भागलपुर में प्रतिनियुक्त किया गया है. जबकि बिप्रसे के 63 वीं बैच के पदाधिाकरियों में छह को पटना, दो को गया और दो को भागलपुर में पोस्टिंग की गयी है. इस पूरी टीम का मुख्य रूप से काम लाइजनिंग का होगा, जो मरीज का डाक्टर से, लक्षण वाले मरीजों को जांच केंद्रों से और डाक्टरों को स्वास्थ्य विभाग के बीच समन्वय का काम करेगा.
इसके साथ ही सरकार ने विज्ञापन जारी कर मुफ्त में कोरोना जांच के लिए नामित अस्पताल व सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों की सूची दी है. यहां कोई भी कोरोना के लक्षण वाले संदिग्ध मरीजों की रेपिड किट से जांच की जा सकेगी. सूचना सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि पटना में ऐसे 25 अस्पतालों में जांच की सुविधा मुहैया करायी गयी है. यहां कोइ भी लक्षण वाले मरीज अपनी कोरोना जांच करवा सकेंगे.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya