पटना एम्स में मंगलवार को 10 लोगों की मौत हो गयी. इनमें पांच मौत कोरोना से हुई है, वहीं पांच अन्य की कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं आयी है. एम्स के नोडल कोरोना आफिसर डॉ संजीव कुमार ने बताया कि बांकीपुर पटना के रहने वाले पीएमसीएच के डॉक्टर और रूपसपुर निवासी रिटायर्ड अंडर सेक्रेटरी होम डिपार्टमेंट के अलावा जगदेव पथ निवासी व एक भोजपुर की महिला की मौत कोरोना से हुई है.
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वहीं औरंगाबाद की एक महिला मरीज की मौत कल हुई थी, जिनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आयी है. भोजपुर निवासी महिला मरीज को 6 जुलाई एवं जगदेव पथ पटना निवासी को दो जुलाई को एम्स में भर्ती किया गया था. वहीं औरंगाबाद की मरीज को 13 जुलाई को भर्ती किया गया था.
पटना एम्स के नोडल कोरोना ऑफिसर डॉ संजीव कुमार ने बताया कि 67 साल के प्रोफेसर डॉ सिंह पिछले सात जुलाई को एम्स में भर्ती हुए थे और उनकी हालत बिगड़ने के बाद उनको इलाज के लिए वेंटिलेटर पर रखा गया था. उनकी पांच साल पहले बाइपास सर्जरी भी हुई थी और उन्हें शूगर की बीमारी भी थी.
गौरतलब है कि एक दिन पहले गया के अनुग्रह नारायण सिंह मेमोरियल कॉलेज अस्पताल के एक डॉक्टर की भी मौत एम्स में ही कोरोना से हो गयी थी. लगातार दो दिनों में दो सीनियर डॉक्टर की मौत से स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सकों में हड़कंप मच गया है. डॉक्टर की मौत पर पटना एम्स से जुड़े डॉक्टरों ने शोक संवेदना प्रकट की है. एम्स निदेशक डॉ पीके सिंह, कोरोना नोडल आॅफिसर डॉ संजीव कुमार ने कहा कि कोरोना वॉरियर्स का इस तरह से जाना काफी दुखद है.
इधर, जिस रिटायर अंडर सेक्रेटरी की भी मौत कोरोना के इलाज के दौरान हो गयी, उन्हें एक दिन पहले ही आधी रात आइजीआइएमएस से एम्स रेफर किया गया था. यहां एम्स में भर्ती नहीं किये जाने को लेकर फुटपाथ पर बैठे रहने का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. स्थानीय थाना पुलिस के पहुंचने पर उनको एम्स में भर्ती कराया गया था.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya