पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए गुरुवार को कहा कि तेलंगाना सरकार के अनुरोध पर खगड़िया से 226 मजदूर चावल मिलों में काम करने के लिए गुुरुवार को तेलंगाना के लिए रवाना हो गये. तेलंगाना सरकार ने बिहार सरकार को संदेश दिया था कि वहां की चावल मिलों में काम करने वले इन मजदूरों को पहले से अधिक मजदूरी देकर काम पर रखना चाहती है. वहां की सरकार की अनुरोध पर खगड़िया से 226 मजदूर चावल मिलों में नोकरी के लिए तेलंगाना रवाना हुए.
सुशील मोदी ने तेलंगाना सरकार के अनुरोध पर खगड़िया से 226 मजदूरों की रवनागी पर खुशी जाते हुए कहा कि लाॅकडाउन ने विकसित राज्यों को बिहार की श्रम शक्ति का एहसास करा दिया. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात औ कर्नाटक में बड़ी संख्या में निर्माण कार्य आरंभ हो गये हैं. वहां रह रहे अधिकतर मजदूरों ने वहीं रह कर काम करने का निर्णय लिया है.
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उन्होंने कहा कि यह भ्रामक खबर है कि बिहार के मजदूरों को जबरन रोका जा रहा है. कहा कि बिहार के अनुरोध पर जब श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलने लगीं, तब किसी मजदूर को न कहीं जबरस्ती रोका जा सकता है, न जबरन वापस भेजा सकता है. कर्नाटक में भी किसी को रोका नहीं गया, इसलिए बंगलुरू से दो ट्रेनें बिहार आ चुकी हैं. राज्य सरकार ने मजदूरों की वापसी के लिए आठ और स्पेशल ट्रेन के लिए स्वीकृति दी है.
सुशील मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि मजदूरों को जबरदस्ती रोकने की अफवाह उड़ाने वाले बतायें कि पंजाब से एक भी स्पेशल ट्रेन क्यों नहीं आयी. कांग्रेस बताये कि पंजाब सरकार ने मजदूरों को जबरदस्ती रोका या काम मिलने पर लोगों ने घर वापसी का इरादा छोड़ दिया. कर्नाटक सरकार ने श्रमिकों के लिए पैकेज की घोषणा की. उन्होंने कहा कि हिसार से बिहार के एक हजार 200 मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल किशनगंज के लिए रवाना हुई.
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