किसानों को अब अपनी मर्जी से फसल बेचने की मिलेगी आजादी, बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी : प्रेम कुमार
बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने गुरुवार को कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में केंद्रीय कैबिनेट ने किसानों के हित में तीन अहम एवं ऐतिहासिक फैसले लिये गये हैं. इसके तहत किसानों से जुड़े दो नये अध्यादेशों को मंजूरी दी गयी और एक अध्यादेश में संशोधन की मंजूरी दी गयी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट के इस फसले पर बिहार के किसानों को ज्यादा फायदा मिलेगा.
पटना : बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने गुरुवार को कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में केंद्रीय कैबिनेट ने किसानों के हित में तीन अहम एवं ऐतिहासिक फैसले लिये गये हैं. इसके तहत किसानों से जुड़े दो नये अध्यादेशों को मंजूरी दी गयी और एक अध्यादेश में संशोधन की मंजूरी दी गयी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट के इस फसले पर बिहार के किसानों को ज्यादा फायदा मिलेगा.
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा बिहार में कृषि उत्पादन बाजार समिति अधिनियम को वर्ष 2006 में ही समाप्त कर दिया गया था, परन्तु यह अधिनियम देश के अन्य राज्यों में लागू रह जाने के कारण बिहार के किसानों को अन्य राज्यों में बेचने का लाभ नहीं मिल रहा था. केन्द्रीय कैबिनेट के इस फैसले से बिहार के किसानों को अपनी मर्जी से देश के अंदर एवं देश के बाहर भी जहां अधिक मूल्य मिलेगा, वहां अपनी फसल बेचने की आजादी मिलेगी. इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी. केन्द्र सरकार ने पिछले महीने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत इन सुधारों की घोषणा की थी.
मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट द्वारा फार्मिंग प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स ऑर्डिनेंस-2020 को मंजूरी दी गयी है. इस निर्णय से किसानों को अपनी फसल अपने हिसाब से बेचने की आजादी मिलेगी. अध्यादेश लागू होने के बाद किसान जहां चाहेगा और जिसे चाहेगा अपनी फसल बेच सकेगा. ई-ट्रेडिंग के जरिए खरीद-बिक्री हो सकेगी. किसानों को फसल की अच्छी कीमत मिल पाएगी. उन्होंने कहा कि एक देश, एक बाजार की दिशा में यह बहुत ही महत्वपूर्ण एवं दूरदर्शी कदम है.
प्रेम कुमार ने कहा कि केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा द फार्मर्स एग्रीमेंट प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज ऑर्डिनेंस-2020 को मंजूरी दी गयी है. इससे अब किसान और ट्रेडर एग्रीमेंट कर सकेंगे इसमें मिनिमम प्राइस पहले ही तय होगा. ऐसे में किसानों को नुकसान होने का खतरा नहीं रहेगा. अगर फसल आने पर भाव ज्यादा होता है तो व्यापारी को होने वाले फायदे में से किसान को भी हिस्सा मिलेगा. इसके नियम केंद्र सरकार तय करेगी किसी तरह का विवाद होने पर मामला कोर्ट में नहीं जाएगा, बल्कि प्रशासन के स्तर पर ही निपटारा हो जाएगा.
कृषि मंत्री ने बताया कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन की मंजूरी केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा दी गयी है. केन्द्र सरकार के इस निर्णय से अनाज, तेल, तिलहन, दाल, आलू और प्याज को इस एक्ट के दायरे से बाहर किया गया है, इन पर अब स्टॉक लिमिट लागू नहीं होगी. किसान जितना चाहे एक्सपोर्ट कर सकता है, जितना चाहे स्टोर कर सकता है. सिर्फ आपदा, युद्ध या बहुत ज्यादा महंगाई होने की स्थिति में ही स्टोरेज से जुड़े प्रतिबंध लाग होंगे. उन्होंने बताया कि इस प्रकार से पीएम मोदी के नेतृत्व में केन्द्र की सरकार किसानों की आर्थिक एवं सामाजिक उन्नति तथा उनकी आमदनी दोगुनी करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का बिहार के करोड़ों किसानों की तरफ से कोटि-कोटि धन्यवाद एवं हृदय से आभार व्यक्त किया है.
Also Read: 2005 से पहले बिहार के लाखों मजदूरों के महापलायन पर श्वेतपत्र जारी करे राजद-कांग्रेस : सुशील मोदी