पटना : आरजेडी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को कहा है कि लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर मजदूरों पर दिखा है. वे आर्थिक रूप से टूट गये हैं. ऐसे में मजदूरों की बेहतरी के लिए सरकार द्वारा दस लाख करोड़ का पैकेज दिया जाना चाहिए. मजदूरों के हक में निर्णायक संघर्ष करने के लिए राष्ट्रीय जनता दल मैदान में उतरेगा. इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गयी है. रघुवंश प्रसाद सिंह ने यह बात गुरुवार को अपने आवास पर प्रेस वार्ता में कही.
आरजेडी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि लॉकडाउन अनलॉक होने के बाद भी राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगाना अनुचित है. उन्होंने कहा कि इधर रोक लगी है, दूसरी तरफ सत्ताधारी दल महामारी से लड़ने की बजाय चुनावी गतिविधियों में संलग्न हैं. उन्होंने कहा कि सबसे पहले इस सरकार को महामारी से लड़ने के लिए पुख्ता चिकित्सीय प्रबंध करने चाहिए. लॉकडाउन के दौरान मरे प्रवासी मजदूरों के परिजनों को मुआवजा और प्रवासी मजदूरों को भुखमरी से बचाने के लिए रोजगार दिलाया जाये.
रघुवंश प्रसाद ने कहा कि गोपालगंज में तिहरे हत्याकांड के आरोपी विधायक को बचाने के लिए विरोध दल के नेताओं पर मुकदमे दर्ज किये गये. उन्होंने कहा कि प्रदेश में विधि व्यवस्था एक दम चौपट हो गयी है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि कोरेंटिन सेंटर्स में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की तरफ से लूट खसोट की जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है. सरकार के पास इसे रोकने के लिए न तो चिकित्सीय प्रबंध उपलब्ध हैं, न ही इच्छा शक्ति. रघुवंश प्रसाद सिंह ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लॉकडाउन का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है. कहा कि लॉकडाउन सुविचारित और सुनियोजित तरीके से नहीं लगाया गया.
वहीं, जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने गुरुवार को राजद के नेताओं सहित रघुवंश प्रसाद सिंह से उनकी ढाई महीने की एक्टिविटी का हिसाब मांगा है. उन्होंने कहा है कि रघुवंश प्रसाद सिंह राजद के ब्रह्म बाबा हैं, लेकिन इनकी राजद में कोई पूछ नहीं है. ढाई महीने बाद कोरेंटिन से बाहर आने पर उन्हें बिहार सरकार के कामकाज की जानकारी ही नहीं है. उनके लगा कि वे बाहर आने पर सरकार पर अटैक कर देंगे और सरकार मुंह देखती रह जाएगी.
संजय सिंह ने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह गलतफहमी में रहते हैं. वे तो वैशाली के सांसद भी रह चुके हैं. ऐसे में वे बतायें कि उन्होंने ढाई महीने में कितने लोगों को मदद पहुंचायी? कितने लोगों को दो जून की रोटी दी? बिहार सरकार के पास तो एक-एक आंकड़ा है. यदि उनको हिसाब चाहिए तो पहुंचा दिया जायेगा. संजय सिंह ने रघुवंश प्रसाद सिंह को संबोधित कर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वोट के लिए किसी की मदद नहीं करते हैं. वे किसी आपदा-विपदा पर राजनीति भी नहीं करते हैं. राजनीति तो राजद प्रवासी मजदूरों की मजबूरी पर कर रही है. वैसे भी जो काम करेगा, उसी को वोट मिलेगा.
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