पटना : दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले 81 लोगों के बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने बिहार के विभिन्न हिस्सों की यात्रा की. बिहार के स्वास्थ्य विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी. दिल्ली का निजामुद्दीन इलाका कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट के रूप में उभरा है.
अधिकारी ने बताया कि इन 81 में से 30 की पहचान की जा चुकी है और उनका चिकित्सीय परीक्षण कराया जा रहा है. इनमें से 17 किर्गिस्तान के नागरिक हैं. बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि इनमें से 17 की पहचान पटना में और 13 अन्य की पहचान बक्सर में की गयी है. उन्होंने कहा कि पटना में जिन 17 लोगों की पहचान की गयी है उनमें से 10 कुर्जी में और सात फुलवारीशरीफ में थे.
कुछ समय पहले उनकी जांच की गयी थी, लेकिन कोई लक्षण नहीं पाया गया था. उन्होंने बताया कि ये सभी 17 किर्गिस्तान के नागरिक हैं, जिनकी मौजूदगी इस महीने की शुरुआत में विभिन्न तारीखों पर संबंधित पुलिस थानों को बतायी गयी थी. उन्होंने बताया कि उनके पास वैध दस्तावेज थे इसलिए बाद में उन्हें छोड़ दिया गया, पर वे निगरानी में थे.
उन्होंने बताया कि हालांकि, अब उन्हें पृथक रखा गया है. मंगलवार को उनके नमूने फिर एकत्र किये गये एवं परीक्षण के लिए भेजे गये थे और रिपोर्ट आनी बाकी है. पिछले हफ्ते मलेशिया के 65 वर्षीय एक उपदेशक, जो दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे, उन्होंने अररिया जिला की यात्रा की थी जहां पिछले सप्ताह ही उनकी मृत्यु हो गयी थी. हालांकि, जिला प्रशासन ने कहा था कि उनकी मौत हृदय गति रुकने से हुई थी और उनमें कोरोना वायरस का कोई लक्षण नहीं पाया गया था.
कुमार ने बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या में वृद्धि को “गंभीर चिंता का विषय” बताते हुए कहा कि इनमें से ज्यादातर विदेश से लौटे हैं, इसलिए 18 मार्च तक बिहार में बाहर से लौटे ऐसे सभी लोगों का पता लगाने का निर्णय लिया गया है और परीक्षण के लिए उनके नमूने एकत्र किये जा रहे हैं. इससे पहले, हम केवल उन लोगों का परीक्षण कर रहे थे जिनमें लक्षण दिख रहे थे, लेकिन अब हमारा दृष्टिकोण बदल गया है.