पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में कोरोना वायरस संक्रमण के साथ-साथ एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस), बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू की स्थिति की समीक्षा की. राजधानी पटना के 1 अणे मार्ग में हुई बैठक के दौरान नीतीश कुमार ने कोरोना संक्रमण की ताजा स्थिति की जानकारी ली और इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिये.
बिहार में अबतक कोरोना वायरस संक्रमण के 10 मामले सामने आये हैं, जबकि एक मरीज की मौत हो चुकी है. सीएम नीतीश ने बर्ड फ्लू एवं स्वाइन फ्लू की स्थिति की भी समीक्षा की और इसके प्रभाव को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिये. मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी पक्षियों की अप्राकृतिक मौत हो रही है उसे अनदेखा नहीं करें.
बिहार में बर्ड फ्लू एवं स्वाइन फ्लू के कारण हाल के दिनों में कई स्थानों पर कौओं, कबूतरों, पोल्ट्री व सुअरों की मौत हुई है. इनकी जांच के लिए नमूने लैब में भेजे गये हैं. बिहार के पशुपालन निदेशालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पटना के कंकड़बाग अशोक नगर, रोड न.- 14 के नजदीक स्थित एक पोल्ट्री फार्म तथा नालंदा जिले के सैदपुर कतरीसराय में बर्ड फ्लू के संक्रमण की पुष्टि होने पर जिला प्रशासन एवं विभागीय पदाधिकारियों ने इन जगहों के एक किलोमीटर के दायरे में किलिंग (मारने एवं दफनाने) एवं स्थान को संक्रमणमुक्त करने का कदम उठाया.
पशुपालन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिहार में मध्य मार्च से वर्तमान समय तक कुल 262 कौओं, कबूतर इत्यादि जंगली पक्षी मर चुके हैं. इनमें से पटना जिले में 161 तथा शेष अन्य जिलों नवादा, रोहतास, मुंगेर, दरभंगा भागलपुर, गया आदि में मरे. पटना के कंकड़बाग मुहल्ले के लोहियानगर तथा राजेंदर नगर मुहल्ले के बाजार समिति रोड स्थित सैदपुर हॉस्टल एवं उच्च न्यायालय से भोपाल स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हाई सिक्युरिटी एनिमल डिजीज भेजे गये कौवों के नमूनों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी.
मुख्यमंत्री ने बैठक में एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम की स्थिति की भी समीक्षा की और कहा कि इसके संदर्भ में अभी से ही पूरी तैयारी करते हुए लोगों को जागरूक करें. मुख्यमंत्री ने एईएस से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों में सभी प्रकार के सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने एवं वहां संपूर्ण स्वच्छता का ध्यान रखने के आदेश दिये. सीएम नीतीश ने कहा कि मुजफ्फरपुर श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में बन रहे 100 शय्या वाले बच्चों के आईसीयू को जल्द से जल्द तैयार करायें ताकि समय पर गहन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके.