प्रशांत किशोर पर जदयू का निशाना, कहा- इन दिनों अरविंद केजरीवाल के बन गये हैं सलाहकार
जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने सोमवार को राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर निशाना साधा है. जदयू प्रवक्ता ने कहा है कि प्रशांत किशोर ट्विटर पर तो अपनी शेखी बघार सकते है, लेकिन जमीन पर उनको पूर्व-पश्चिम का भी ज्ञान नहीं है.
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने सोमवार को राजनीतिक रणनीतिकारप्रशांत किशोर पर निशाना साधा है. जदयू प्रवक्ता ने कहा है कि प्रशांत किशोर ट्विटर पर तो अपनी शेखी बघार सकते है, लेकिन जमीन पर उनको पूर्व-पश्चिम का भी ज्ञान नहीं है. इन दिनों वे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सलाहकार हैं, जिनकी वजह से प्रवासियों को समस्या हुई. उनको बातचीत करना भी नहीं आता था, यह सब जदयू के लोगों ने सिखाया.
जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर कहते है कि वो बिहार के रहने वाले हैं. कमाई अरबों में करते हैं, लेकिन आज लगता है कि उनसे गरीब कोई नहीं है. सवाल करते हुए संजय सिंह ने आगे कहा कि प्रशांत किशोर बताएं कि इस आपदा की घड़ी में उन्होंने कितने लोगों की मदद की है. कितने लोगों को भोजन कराया है. कितने बेघरों को ठिकाना दिया है. सिर्फ ट्विटर पर ज्ञान बघारने से सामाजिक जिम्मेदारी पूरी नहीं हो जाती है.
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए संजय सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर आंकड़ों से खेलते हैं तो वो ये समझ लें कि बिहार में कोरोना आपदा से पीड़ितों के लिए जो कुछ किया गया है, वो किसी दूसरे राज्यो ने नहीं किया है. बिहार की हर सीमा पर बड़े-बड़े कैंप लगा कर प्रवासी बिहारियों के खाने, रहने, कपड़े, स्वास्थ जांच की सुविधा दी गयी है.
पलायन ने खोली केजरीवाल की पोल: रंजीत झा
वहीं, युवा जदयू के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रंजीत कुमार झा ने सोमवार को कहा है कि दिल्ली से लगातार हो रहे मजदूरों के पलायन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पोल खोल दी है. उनकी ओछी राजनीति और संकीर्ण मानसिकता ही प्राथमिकता में रही. एक तरफ उनके लोगों ने प्रवासियों के मन में डर बिठाकर उनको दिल्ली से भगाया तो दूसरी तरफ आप लॉकडाउन की दिखाई दे रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में जिस प्रकार से इस गंभीर समस्या के लिए ज़मीनी स्तर पर काम किया गया है साथ ही जिस प्रकार से जनता को घर तक आवश्यक सामग्रियों की पूर्ति की जा रही है, ये व्यवस्था दिल्ली के किसी भी कोने में केजरीवाल अभी तक स्थापित नहीं कर पाए हैं.