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प्रवासी मजदूरों के आंसुओं से वोट की फसल सींचना चाहते हैं लालू : सुशील मोदी

बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को ट्वीट कर प्रवासी मजदूरों के अन्य राज्यों से प्रदेश में वापसी के बीच जारी सियासी बयानबाजी के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर जमकर निशाना साधा है. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि केंद्र और राज्य की सरकारें ट्रेन-बस से प्रवासी मजदूरों गृह प्रखंड तक पहुंचाने में लगी हैं. अब तक 231 स्पेशल ट्रेनों के जरिये 3 लाख से ज्यादा मजदूरों को सुरक्षित बिहार लाया जा चुका है.

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को ट्वीट कर प्रवासी मजदूरों के अन्य राज्यों से प्रदेश में वापसी के बीच जारी सियासी बयानबाजी के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर जमकर निशाना साधा है. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि केंद्र और राज्य की सरकारें ट्रेन-बस से प्रवासी मजदूरों गृह प्रखंड तक पहुंचाने में लगी हैं. अब तक 231 स्पेशल ट्रेनों के जरिये 3 लाख से ज्यादा मजदूरों को सुरक्षित बिहार लाया जा चुका है.

उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि इस कठिन समय में मजदूरों की कोई मदद करने के बजाय चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की पार्टी (RJD) कभी उन्हें फूल-माला भेंट करने की सोचती है, तो कभी उनसे राष्ट्रीय जनता दल का सदस्यता फार्म भरवाना चाहती है. सुशील मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि राजद मजदूरों के आंसुओं से वोट की फसल सींचना चाहता है.

भाजपा के वरिष्ठ नेता सह उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि बिहार के अनुरोध पर बड़ी संख्या में श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलने लगीं. 1000 और ट्रेनें चलायी जाने वाली हैं. मजदूरों से पैदल, साइकिल या ट्रक से सफर करने के बजाय धैर्य रखने और ट्रेन से ही घर लौटने की अपील लगातार की जा रही है. तमाम इंतजाम और एहतियात के बीच पटरी या सड़क पर हुए हादसे अत्यंत दुखद हैं. यूपी की सड़क दुर्घटना में 24 मजदूरों की मृत्यु पर भी लालू प्रसाद का राजनीति करना मानवीय संवेदना की अन्त्येष्टि है.

इससे पहले सुशील मोदी ने हाल ही में ट्वीट कर कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 20 लाख करोड़ के जिस महापैकेज की घोषणा की उससे स्थानीय स्तर पर छोटे-मझोले उद्योगों का तेजी से विकास होगा. बिहार-यूपी-झारखंड जैसे पूर्वी राज्यों को ज्यादा लाभ मिलेगा. इससे लाखों कुशल-अकुशल मजदूरों और टेक्नीशियन पेशेवर अपने गृह जिले में ही रोजगार पा सकेंगे. इस पैकेज से छोटे उद्योगों को बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ रुपये के कर्ज मिलेंगे. जिन 45 लाख एमएसएमइ इकाइयों को इसका लाभ मिलेगा, उनसे करोड़ों लोगों की बेरोजगारी दूर होगी. लालू प्रसाद को डिक्शनरी से गाली खोजने और मजाकिया तुकबंदी से समय निकाल कर पैकेज के फायदे समझने की कोशिश करनी चाहिए.

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