प्रवासी मजदूरों से बोले सीएम नीतीश, बिहार में कोई भूख से नहीं मरता, सभी को रोजगार देने की व्यवस्था कर रही सरकार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत में प्रवासी श्रमिकों से कहा कि बिहार में ही सभी को रोजगार देने की व्यवस्था सरकार कर रही है. बिहार में कोई भूख से नहीं मरता है. यह बातें उन्होंने आठ जिलों के 16 क्वारेंटिन सेंटर पर प्रवासी श्रमिकों से बातचीत में कहीं. इसमें भागलपुर, बांका, कटिहार, जमुई, बक्सर, जहानाबाद, अरवल और मुंगेर जिलों के क्वारेंटिन सेंटर शामिल हैं. बातचीत में प्रवासी श्रमिकों ने बिहार में ही काम दिलाने का मुख्यमंत्री से अनुरोध किया.

By Samir Kumar | May 24, 2020 10:06 PM
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पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत में प्रवासी श्रमिकों से कहा कि बिहार में ही सभी को रोजगार देने की व्यवस्था सरकार कर रही है. बिहार में कोई भूख से नहीं मरता है. यह बातें उन्होंने आठ जिलों के 16 क्वारेंटिन सेंटर पर प्रवासी श्रमिकों से बातचीत में कहीं. इसमें भागलपुर, बांका, कटिहार, जमुई, बक्सर, जहानाबाद, अरवल और मुंगेर जिलों के क्वारेंटिन सेंटर शामिल हैं. बातचीत में प्रवासी श्रमिकों ने बिहार में ही काम दिलाने का मुख्यमंत्री से अनुरोध किया.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भागलपुर, बांका, कटिहार, जमुई, बक्सर, जहानाबाद, अरवल एवं मुंगेर के जिलाधिकारियों ने क्वॉरेंटिन सेंटरों से अद्यतन स्थिति की जानकारी दी. जिलाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को जानकारी दी गयी कि सेंटर पर कितने कमरे हैं, कितने लोग वहां आवासित हैं. शौचालय की संख्या, परिसर की समुचित साफ-सफाई, रसोईघर की स्थिति, वहां कार्य करने वाले लोगों की संख्या, स्नानागार, पेयजल व्यवस्था, संस्थापित सीसीटीवी कैमरा आदि के संबंध में जानकारी के साथ-साथ मुख्यमंत्री को इन सभी व्यवस्थाओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिखाया गया.

मुख्यमंत्री ने भागलपुर के माउंट लिट्रा जी स्कूल, जगदीशपुर केंद्र पर राजस्थान के भिवाड़ी से आयी प्रवासी महिला से बातचीत के दौरान पूछा कि वो कब आयीं, वहां क्या करती थीं. इस सेंटर पर की गयी व्यवस्थाओं के बारे में भी उनसे जानकारी ली. प्रवासी महिला ने बताया कि वो भागलपुर से ही ट्रेड स्पेशिफिक हार्डवेयर का ट्रेनिंग करके वहां गयी थीं और स्पीडोमीटर बनाने का काम करती थी. उन्होंने बताया कि इस सेंटर पर समय पर भोजन मिलता है, साथ ही अन्य प्रकार की जरुरी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं. मुख्यमंत्री द्वारा यहां रहने के संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में प्रवासी महिला ने कहा कि बिहार में ही रहेंगे और यहीं काम करेंगे. सीएम ने कहा कि हमलोगों की इच्छा है कि अधिकतम लोगों को यहीं पर व्यवस्थित किया जाए ताकि आपलोगों को बाहर नहीं जाना पड़े. बिहार से जुड़ी हर Breaking News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बाहर से आये लोगों का आंकलन कराया जा रहा है कि वे किस काम में विशिष्ट हैं. उन्हें उसी के अनुरुप व्यवस्थित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि आपलोग राज्य में ही रहें. यहां पर सारे इंतजाम किए जायेंगे. बिहार में ही सभी को रोजगार मिले, इसके लिये सरकार पूरी व्यवस्था कर रही है.

बांदा जिले के बीएन सिंह कॉलेज, भुसिया, राजौन केंद्र पर 10 मई को नांदेड़, महाराष्ट्र से आये चंदन कुमार ने बताया कि वे होटल में काम करते थे. लॉकडाउन की वजह से वहां काफी दिक्कत हुई और प्राइवेट गाड़ी से हमलोग यहां आये हैं. उन्होंने कहा कि यहां क्वाॅरेंटिन सेंटर पर किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है. यहां आने के बाद काफी सहुलियत हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 दिन यहां रहने के बाद आप अपने घर जायेंगे, यह आपके स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है. प्रवासी ने बताया कि वे बिहार में ही रहने का मन बना चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग कोशिश में हैं कि आपको कहीं बाहर जाने की नौबत न आये.

कटिहार जिले के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, कुरसेला केंद्र पर 10 मई को दिल्ली से आये प्रवासी श्रमिक ने मुख्यमंत्री से बातचीत कहा कि वे वहां रहकर स्टीचिंग का काम करते थे. उन्होंने कहा कि वे बिहार में ही रहना चाहते हैं, यहां हमलोगों काम मिल जाए, यही हमारी इच्छा है. प्रवासी श्रमिक ने बताया कि यहां सभी प्रकार की सुविधाएं हैं. किसी प्रकार की कोई दिक्कत यहां नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 दिन यहां रहने के बाद आप अपने घर जायेंगे, यह आपके स्वास्थ्य के लिए उपयोगी तो है ही साथ ही आपके परिवार एवं गांव समाज के लिए भी हितकर है.

जमुई जिले के सिकंदरा स्थित आईटी केंद्र पर 23 मई को कोलकाता से आये दिव्यांग श्रमिक कैलाश रविदास ने बताया कि वे 25 वर्षों से वहां चप्पल की फैकट्री में सैंडल बनाने का काम करते थे. उन्हें राज्य सरकार के द्वारा दिव्यांग पेंशन की राशि मिलने से काफी राहत हो रही है. मुख्यमंत्री ने पूछा कि इस केंद्र पर उन्हें क्या-क्या सुविधाएं मिल रही हैं. जवाब में रविदास ने भावुक होकर कहा कि बिहार आकर सारा दर्द भूल गया. उन्होंने बताया कि हम यहीं रहना चाहते हैं, यहीं रोजगार दिलायें. मुख्यमंत्री ने कहा कि चिंता मत कीजिए आपका पूरा ख्याल रखा जायेगा.

बक्सर जिले के डीएवी पब्लिक स्कूल केंद्र पर हैदराबाद में काम करने वाले प्रवासी श्रमिक ने बताया कि वह 11 मई को यहां लौटे हैं वे हैदराबाद के सीमेंट प्लांट में काम करते थे, लेकिन अब वे यहीं रहकर काम करना चाहते हैं. यहां अपने राज्य में आकर उन्हें खुशी हो रही है. उन्होंने बताया कि सेंटर पर सारी व्यवस्थाएं अच्छी तरह से की गयी हैं, कोई दिक्कत नहीं है और यह अच्छा लग रहा है. मच्छरदानी, बिछावन के अलावे, बरतन, साबुन, कपड़े एवं अन्य जरुरी सामान भी दिये गये हैं.

जहानाबाद जिले के मां कमला चंद्रिका बीएड कॉलेज, नौरु केंद्र पर बेंगलुरू से आये दीपक कुमार सिंह ने बताया कि वे वहां रेडिमेड गारमेंट्स की कंपनी में काम करते थे, वे यहीं से ट्रेनिंग करके गये थे लेकिन अब वे अपने राज्य में रहकर ही काम करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इस केंद्र पर उन्हें तीनों समय ठीक ढंग से भोजन मिलता है और उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है.

मुंगेर जिले के डॉ. अंबेडकर रेसिडेंसियल गर्ल्स हाई स्कूल केंद्र पर गुड़गांव से 21 मई को आये प्रवासी श्रमिक ने बताया कि वे वहां एक्वागार्ड वाटर कंपनी में 5 वर्षों से काम करते थे. यहां आने पर उनकी मेडिकल जांच करायी गयी और सेंटर पर क्वारेंटिन के दौरान खाने-पीने के साथ-साथ अन्य सारी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं. वहां से लौटने के बाद अब वे यहीं काम करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि यहीं हमलोगों को काम करने का मौका दिया जाये.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सब यहां रहिएगा तो हमें भी अच्छा लगेगा. यहीं पर काम दिलाएंगे, बाहर जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी. आपलोग बाहर जाकर वहां के विकास में कितना सहयोग देते हैं, लेकिन जैसा कि आपलोगों ने बताया कि आपलोगों के साथ कंपनियों ने इस विषम परिस्थिति में अच्छा व्यवहार नहीं किया. हमलोग ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि बिहार में ही रहकर आपलोग सम्मान के साथ जीविकोपार्जन कर सकें.

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सीएम नीतीश ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान प्रवासी श्रमिकों से बातचीत के क्रम में कहा कि बिहार के बाहर की निजी कंपनियों ने वहां कार्य करने वाले बिहार के प्रवासी श्रमिकों का ख्याल नहीं रखा, जबकि यह उनका दायित्व लोगों को बाहर काफी कष्ट हुआ है. हमारी इच्छा है कि सभी को यहीं रोजगार मिले, किसी को अकारण बाहर नहीं जाना पड़े. उन्होंने कहा कि बिहार में बहुत काम है, यहीं रहिए और काम कीजिए. सभी को उनके स्किल के अनुरुप काम मिलेगा. बिहार में कोई भूख से नहीं मरता है. हम सबके रोजगार की यहीं व्यवस्था करेंगे, इससे बिहार का और विकास होगा. सभी लोग बिहार के विकास में भागीदार बनें.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कपड़ा, जूता, बैग, फर्नीचर, साइकिल आदि से जुड़े उद्योगों की असीम संभावनाएं हैं. भागलपुर एवं मुंगेर में कपड़ा उद्योग खासकर सिल्क उद्योग की अपार संभावनाएं हैं. भागलपुर का सिल्क दुनिया भर में प्रसिद्ध है. पहले यहां से सिल्क का निर्यात किया जाता था. उन्होंने कहा कि भागलपुर के इस उद्योग की क्षमता की पहचान कर आगे की कार्रवाई करें. हम उपभोक्ता राज्य हैं, हमारे पास बहुत बड़ा बाजार है. बाजार की जरूरतों के अनुरुप उद्योग लगाने के लिए लोगों को प्रेरित करें.

सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार के व्यवसायिक वर्ग को भी इस पर विचार करना चाहिए. नये उद्योग लगाए जाने पर भी विचार किया जाना चाहिए. सरकार इसके लिए हरसंभव मदद देने को तैयार है. उद्योग लगने से बाजार का और विकास होगा एवं लोगों की आय बढ़ेगी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि क्वॉरेंटिन सेंटरों पर आवासित सभी प्रवासियों के सर्वे का कार्य पूर्ण कराएं. कौन कहां से आये हैं, क्या रोजगार करते थे? उनको यहां कैसे रोजगार उपलब्ध कराया जाए ताकि उन्हें बाहर नहीं जाना पड़े.

क्वाॅरेंटिन सेंटरों पर रह रहे लोगों को मुख्यमंत्री ने कहा कि आपलोगों के हित में क्वारेंटिन केंद्र बनाये गये हैं, जहां सारी व्यवस्थाएं की गयी हैं. 14 दिन क्वारेंटिन में रहकर आप सभी खुशी-खुशी घर जाइये. यह आपके और आपके परिवार के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है. सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें कोरोना से बचाव का यही प्रभावी उपाय है.

बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय, प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे. जबकि, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 8 जिलों के जिलाधिकारी एवं 16 क्वॉरेंटिन सेंटरों से वहां रह रहे प्रवासी जुड़े थे.

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