Shramik Special Train : साउथ इंडिया से करीब 2300 बिहारी मजदूरों को लेकर दानापुर स्टेशन पहुंची दो स्पेशल ट्रेनें, कोई भूखा तो किसी ने…

लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे बिहार के करीब दो हजार लोगों को लेकर सोमवार को दो स्पेशल ट्रेनें दानापुर रेलवे स्टेशन पहुंची. बाहर से आये यात्रियों को अधिकारियों की मौजूदगी में स्टेशन के प्लेटफार्म पर ही साइन करवाया गया और बाद में उन्हें उनके गंतव्य स्थानों तक जाने वाली बसों में बिठाकर रवाना किया जायेगा.

By Samir Kumar | May 4, 2020 7:56 PM
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दानापुर, खगौल से अजीत की रिपोर्ट : लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे बिहार के करीब दो हजार लोगों को लेकर सोमवार को दो स्पेशल ट्रेनें दानापुर रेलवे स्टेशन पहुंची. बाहर से आये यात्रियों को अधिकारियों की मौजूदगी में स्टेशन के प्लेटफार्म पर ही साइन करवाया गया और बाद में उन्हें उनके गंतव्य स्थानों तक जाने वाली बसों में बिठाकर रवाना किया जायेगा. दानापुर रेलवे स्टेशन के बाहर यात्रियों को उनके गृह नगर ले जाने के लिए सरकार की बसें खड़ी है. सूत्रों से जानकारी मिली है की एक ट्रेन एर्नाकुलम और दूसरी ट्रेन तिरुर स्टेशन से चलकर आज पटना के दनापुर रेलवे स्टेशन पर पहुंची है. दोनों ट्रेनों में करीब 2310 से अधिक यात्री बताये जा रहे हैं.

दानापुर स्टेशन पर आज तिरुवंतपुरम से चलकर कोरोना से जंग के बीच फंसे छात्रों-मजदूरों को लेकर ट्रेन के पहुंचते ही कई यात्रियों के चेहरों पर जहां एक तरफ खुशी साफ तौर पर झलक रही थी. वहीं, दूसरी तरफ घर पहुंचने की खुशी में आंखें भर आयी. बाहर से आने वाले मजदूरों-छात्रों के लिए पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि, वरीय आरक्षी अधीक्षक उपेंद्र वर्मा सहित रेलवे के सीनियर डीसीएम रेलवे के कई अधिकारी जिला पुलिस बल और कई थाना के सब इंस्पेक्टर को लगाया गया था. इसकी मॉनिटरिंग खुद जिलाधिकारी कुमार रवि कर रहे थे.

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कुमार रवि ने लोगों से सोशल डिस्टेंस इन बनाये रखने और शांतिपूर्वक जिला वाइज बस को लेकर चलने का दिशा-निर्देश दे रहे थे. वहीं, केरल से आये अकबर ने बताया कि उन्हें 910 रुपया ट्रेन का भाड़ा लगा है, इसके अलावा बस का भाड़ा अलग है. अकबर ने बताया कि 2 मई को वह ट्रेन में सवार हुए थे और आज 4 मई की शाम वे दानापुर पहुंचे हैं. इस बीच 2 दिनों तक उन्होंने कुछ भी नहीं खाया, सिर्फ पानी और पास में रखे कुछ बिस्कुट के सहारे दो दिन किसी तरह गुजारे है. वहीं, एक मजदूर ने बताया कि उन्हें अररिया जाना है और जो भी पैसा वहां थे उनका पूरा पॉकेट खाली हो चुका है और अब घर किसी तरह वे अपने परिवार के बीच पहुंच जाएं, इससे बड़ी खुशी उनके लिए कुछ नहीं होगी.

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मालूम हो कि लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फसें छात्रों, श्रमिकों और पर्यटकों को विशेष ट्रेन से बिहार के विभिन्न स्टेशनों पर पहुंचने के बाद रेलवे स्टेशन से उनके गंतव्य तक छोड़ने के लिए परिवहन विभाग की ओर से पर्याप्त बस की व्यवस्था की गयी है. आज केरल के एर्नाकुलम और तिरुर स्पेशल ट्रेन से बिहार के करीब 2310 श्रमिक दानापुर स्टेशन पंहुचे है.

दानापुर स्टेशन पर उतरने पर सभी लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग करने के बाद विशेष बस से विभिन्न जिलों में भेजे जाने की व्यवस्था की गयी है. हर जिलों के लिये अलग-अलग बस की व्यवस्था की गयी है. परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि केरल के एर्नाकुलम और तिरुर से आने वाले यात्रियों के लिए दानापुर स्टेशन के पास लगभग 100 बस की व्यवस्था की गयी है.

अररिया के लिए 19 बस, नवादा के लिए 10, कटिहार के लिए 8, मधुबनी और सारण के लिए 6-6, पूर्णिया और मुजफ्फरपुर के लिए 5-5, वैशाली, पश्चिमी चंपारण, बेगूसराय और जमुई के लिए 4-4 बस और अन्य जिलों के लिए यात्रियों की संख्या के अनुसार 2-1 बसों की व्यवस्था की गयी है. रेलवे स्टेशन से मेडिकल स्क्रीनिंग कर लोगों को सीधे जिले तक पहुंचाया जायेगा. गृह जिला में लोगों को उतारने के बाद खाली बस वाहन कोषांग में रहेगी.

गृह जिला द्वारा लोगों को संबंधित प्रखंड के कोरेंटाइन सेंटर पर वाहनों से पहुंचाया जायेगा. सभी जिलों के वाहन कोषांग प्रभारी अपने जिले से चलने वाली बसों को सैनिटाइज करते हुए स्कॉट की सहायता से रेलवे स्टेशन वाले जिले के वाहन कोषांग प्रभारी को रिपोर्ट करेंगे तथा अपने जिले के प्रवासी मजदूरों एवं अन्य लोगों को गृह जिले तक लाए जाने की प्रक्रिया का अनुसरण करेंगे.

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