गृह विभाग की विशेष शाखा ने सिविल सर्जन, अस्पताल अधीक्षक को पत्र लिखा है कि राज्य में कोविड 19 महामारी की दूसरी लहर का व्यापक प्रभाव है. जनमानस में व्याप्त भय को देखते हुए राज्य के सरकारी और निजी चिकित्सा तंत्र पर अत्याधिक दबाव पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में मरीजों के परिजनों द्वारा डॉक्टर व अस्पताल प्रबंधन पर अनुचित दबाव डालने तथा उनके साथ दुर्व्यहार व मारपीट की घटनाएं सामने आ सकती है. ऐसे में विधि व्यस्था की समस्या उत्पन्न होने की संभावना है. डॉक्टर व अस्पताल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जाये.
1 – डीएम और एसएसपी अपने जिले में कोविड 19 के इलाज के लिए चिह्नित अस्पताल, सीसीसी एवं अन्य चिकित्सा प्रतिष्ठान में आवश्यकता के अनुरूप पुलिस बल के साथ दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति करें.
2 – जहां ऐसे अस्पताल या कोविड सेंटर हैं, वहां पेट्रोलिंग की समुचित व्यवस्था हो और गश्ती की संख्या बढ़ा दी जाये.
3- जिला प्रशासन कोविड 19 के इलाज में शामिल चिकित्सक, अस्पताल एवं अन्य संस्थाओं को विधि व्यवस्था व कोविड राहत कार्य से संबंध महत्वपूर्ण पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारियों के मोबाइल नंबर उपलब्ध कराया जाये, ताकी मरीज के परिजन या अन्य व्यक्ति इलाज में बाधा नहीं पहुंचा सके. हिंसक व्यवहार पर तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दे , ताकि उनको मदद मिल सके.
4 – अस्पताल के किसी कर्मी, डॉक्टर के साथ कोई हिंसक गतिविधि होती है, तो ऐसा करने वालों को बिहार चिकित्सा सेवा संस्थान और व्यक्ति सुरक्षा अधिनियम 2011 अंतर्गत कार्रवाई की जाये.
5 – जिला प्रशासन जिले में ऑक्सीजन, कोविड के इलाज में सहायक दवाओं एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी रोकने के लिए आवश्यक कदम उठायेगा.
6 – सभी कोविड अस्पताल के बाहर मरीजों के परिजनों के प्रतिक्षा करने के लिए अस्थायी व्यवस्था की जाये, जिससे परिजन अपने मरीज के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सके. बिहार में डॉक्टर और हेल्थ कर्मियों से हिंसक व्यवहार करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई तथा Hindi News से जुड़ी हर अपडेट के लिए बने रहे हमारे साथ।
POSTED BY: Thakur Shaktilochan