पटना : बिहार की राजधानी पटना में खेमनीचक के समीप स्थित शरनम हॉस्पिटल के तीन कर्मियों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद न्यू बाइपास स्थित निजी नर्सिंग होम में हड़कंप मच गया है. इन नर्सिंग होम में काम करने वाले आधे से अधिक कर्मियों व वार्ड ब्वॉय ने ड्यूटी पर आना छोड़ दिया है और अपने पैतृक गांव निकल गये हैं. न्यू बाइपास इलाके में 100 से अधिक निजी अस्पताल हैं और लगभग सभी की हालत एक जैसी है. कुछ में ही मरीजों को भर्ती किया जा रहा है.
नये मरीजों को एडमिट करने में हो रही है परेशानी
सूत्रों के अनुसार निजी नर्सिंग होम में पुराने मरीजों का इलाज हाे रहा है. लेकिन, नये मरीजों को एडमिट करने में परेशानी हो रही है. स्टाफ की कमी व चिकित्सकों को उपलब्ध नहीं होना बता कर एडमिट करने से टाला जा रहा है. इस स्थिति में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
अस्पतालों के सामने भी कई परेशानी
इन निजी अस्पतालों के सामने यह भी परेशानी आ रही है कि उनके पास कोरोना की जांच के लिए किट नहीं है. साथ ही कोरोना से बचाव के लिए कोई ड्रेस भी नहीं है. निजी अस्पताल से जुड़े एक जानकार ने बताया कि कोरोना से बचने का ड्रेस इस तरह का है कि उसको पहन कर ऑपरेशन करना संभव ही नहीं है. अभी के समय में किसी भी मरीज को एडमिट करने के लिए कोरोना की जांच जरूरी है. लेकिन, इसकी जांच के लिए किट नहीं है. इन सभी स्थितियों में किसी भी मरीज को एडमिट करने में काफी रिस्क है.
लॉकडाउन : हादसे के शिकार मरीज की बढ़ी परेशानी
पोठही निवासी सिंटू का कुछ दिनों पहले एक्सीडेंट हुआ था. इसमें उसके पेशाब की नली में समस्या आ गयी थी. एक निजी अस्पताल में एडमिट हुआ और उसका इलाज भी हुआ. पेशाब के लिए नली लगा दी गयी. लेकिन, कुछ दिनों बाद नली निकालने की जरूरत महसूस की जाने लगी. इसी बीच लॉकडाउन हो गया. उसने पहले इलाज करने वाले नर्सिंग होम से बात की और नली को निकालने का आग्रह किया. इस पर कुछ दिन रुकने को बोला गया. इसके बाद सिंटू ने दूसरे नर्सिंग होम में नली निकालने के लिए एडमिट होना चाहा, तो वहां भी कर्मियों की कमी व डॉक्टरों की उपस्थिति नहीं होने का कारण बता कर कुछ दिन रुकने की सलाह दी गयी.