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‘लॉकडाउन’ के दौरान बिहार के मजदूरों को सरकार ने अपने हाल पर छोड़ा : शरद यादव

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित बिहार के मजदूरों को बताया है. शरद यादव ने दुख प्रकट करते हुए शनिवार को कहा है कि इन मजदूरों को केंद्र और राज्य सरकार ने ऐसे मुश्किल दौर में अपने हाल पर ही छोड़ दिया है.

By Samir Kumar | April 20, 2020 6:54 PM

पटना : पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित बिहार के मजदूरों को बताया है. शरद यादव ने दुख प्रकट करते हुए शनिवार को कहा है कि इन मजदूरों को केंद्र और राज्य सरकार ने ऐसे मुश्किल दौर में अपने हाल पर ही छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने छात्रों और श्रमिकों को लाने के लिए अलग-अलग स्थानों पर विशेष बसें भेजी हैं जो उनके राज्य से जुड़े हैं. दुर्भाग्य से बिहार सरकार ने अपने छात्रों और मजदूरों के लिए ऐसी व्यवस्था करने से इनकार कर दिया है. मध्य प्रदेश में भी श्रम बल रो रहा है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस सरकार ने हमारे लोगों को विदेश से उड़ानों में वापस लाया है क्योंकि वे संपन्न परिवारों से संबंधित हैं. कुछ राज्य सरकारें अपने छात्रों और अन्य लोगों को लक्जरी बसों में लाती हैं. हमारे मजदूर भाइयों और बहनों की जो श्रेणी है वह पैदल चलकर अपने राज्यों में गये और उनको पुलिस द्वारा लाठीचार्ज जैसी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ा है. यह भेदभाव की ऊंचाई की सीमा है जो असहनीय है.

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शरद यादव ने कहा है कि इस लॉकडाउन का क्या मतलब है कि कुछ जगहों पर विवाह भी हो रहे हैं और कुछ राज्यों के कुछ स्थानों पर बैंकों, स्टेशनों आदि पर लोग एकत्र हो रहे हैं. उन्होंने निंदा करते हुए कहा कि हमारे बिहार के मजदूरों, बहनों और छात्रों के साथ भेदभाव हो रहा है. तथ्य के रूप में, देश के विभिन्न हिस्सों में अटके अपने राज्यों के सभी छात्रों और श्रम बल के लिए एक ही जैसा व्यवहार होना चाहिए था और केंद्र सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी.

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