पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूसरे राज्यों में फंसे लोगों के आवागमन को लेकर दिये गये छूट के निर्णय पर केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है. कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्र-छात्राओं, पर्यटकों, श्रद्धालुओं एवं अन्य लोगों के आवागमन को लेकर केंद्र सरकार के द्वारा जारी दिशा निर्देशों में दी गयी छूट के निर्णय को उपयुक्त एवं स्वागतयोग्य बताया है.
सीएम नीतीश ने कहा कि यह हम लोगों का आग्रह था और उस पर केंद्र सरकार ने सकारात्मक निर्णय लिया है. इससे बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों में फंसे हुए बिहार आने को इच्छुक प्रवासी मजदूरों, छात्र-छात्राओं, श्रद्धालुओं, पर्यटकों तथा अन्य लोगों को यहां आने में सुविधा होगी और उन्हें बड़ी राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश का पालन जनहित में है और सबको इसका पालन करना चाहिये. बिहार सरकार ने इस मामले में केंद्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन नियम के तहत जारी दिशा निर्देशों को हमेशा पालन किया है.
लॉकडाउन के दौरान कोटा में फंसे रह गये छात्रों को लेकर बिहार की राजनीति में जो हलचल थी वह केंद्र सरकार की एडवाइजरी के बाद शांत हो गयी है. अब इसका श्रेय लेने की होड़ मच गयी है. एनडीए के घटक दल लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने फंसे लोगों को वापस लाने की अनुमति के लिये गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया है. साथ ही मुख्यमंत्री से उम्मीद प्रकट की है कि वह अब प्रवासी बिहारियों को जल्दी वापस बुला लेंगे.
चिराग पासवान ने बुधवार को एक वीडियो जारी किया. इसमें वह गृह मंत्रालय के नये फैसले का स्वागत कर रहे हैं. इसी मुद्दे पर मंगलवार की रात को गृहमंत्री से अपनी बात रखी थी. चिराग ने कहा कि अब वह मुख्यमंत्री से उम्मीद करते हैं कि वे बाहर फंसे छात्रों- लोगों को वापस लाने के लिये उचित व्यवस्था करेंगे.
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वहीं, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान राज्य से बाहर फंसे छात्रों, मजदूरों और पर्यटकों को घर लौटने की अनुमति दे दी. बिहार इसके लिए लगातार मांग कर रहा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर जोर दिया था. केंद्र की अनुमति मिलने से लाखों लोग लाॅकडाउन के नियमों का पालन करते हुए सम्मान और समुचित सुरक्षा के साथ शीघ्र ही अपनों के बीच होंगे. बिहार की जनता की ओर से प्रधानमंत्री का आभार. उन लाखों लोगों का भी आभार, जिन्होंने किसी राजनीतिक उकसावे में आकर नियमों का उल्लंघन नहीं किया.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शासनकाल में काम के बदले जमीन लिखवाने का आदती राजद नेतृत्व कोरोना काल में जब गरीबों की मदद के लिए कुछ न कर सका, तब इसने पड़ोसी राज्य की जेल या प्रदेश के बाहर किसी अग्यात स्थान से फैसला किया कि पार्टी के कार्यकर्ता 1 मई को मात्र दो घंटे का सामूहिक उपवास करेंगे. आम लोग रोज ही जलपान और भोजन के बीच तीन घंटे का (उपवास) रखते हैं.
सुशील मोदी ने कहा कि लोकतंत्र की झूठी दुहाई देने वाली पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर कोई फैसला नहीं किया. बल्कि दो लोगों ने एक फरमान उस पर थोप दिया. वैसे, उपवास की राजनीति में राजद का एक छोटा साथी पहले ही बाजी मार चुका है. महागठबंधन के दल जनता की सेवा करने में नहीं, बल्कि प्रचार पाने के शार्टकट खोजने में व्यस्त हैं.
राजद नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार की देर शाम कहा है कि प्रदेश के बाहर फंसे 25 लाख से अधिक प्रवासी बिहारियों को घर वापस लाये और उनके लिए स्वास्थ्य खासकर कोरोना की जांच इलाज आदि की सुविधा भी दे़ अब राज्य सरकार का कोई बहाना नहीं चलेगा. सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए यह कदम अविलंब उठाना होगा. उन्होंने कहा कि अब एमएचए की नयी गाइडलाइन आ चुकी है. उन्होंने यह अपनी बात वीडियो के जरिये की है़ वीडियो को वाट्सएप के जरिये संदेश भेजा है. तेजस्वी ने अपने वीडियो में कहा है कि बिहार के बाहर फंसे छात्रों को लाया जाये़ उन्हें क्वारेंटाइन में रखा जाये. ताकि उनकी स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके.
वहीं, कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे छात्रों, कामगार मजदूरों, पर्यटकों व अन्य लोगों के लिए गृहमंत्रालय द्वारा नयी गाइडलाइन जारी किये जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि कुछ शर्तों के साथ अब बाहर फंसे लोग अपने-अपने घरों में वापस आ पायेंगे.