Coronavirus: कफ जनित रोग है कोरोना, आयुर्वेद में इससे बचाव व सुरक्षा के हैं उपाय, जानें क्या सलाह देते हैं डॉक्टर
कोरोना वायरस को सफलता पूर्वक शरीर से खत्म करने का उपाय आज भी आयुर्वेद के पास है. इसे प्राप्त करने के लिए हमें बाहर नहीं जाना है, बल्कि हमारे आसपास ही आयुर्वेदिक औषधि उपलब्ध है. सही जानकारी के दम पर हम अपने शरीर के रोग निरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं. यह कहना है राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय सह अस्पताल नाथनगर के प्राचार्य डॉ चंद्र भूषण सिंह का.
कोरोना वायरस को सफलता पूर्वक शरीर से खत्म करने का उपाय आज भी आयुर्वेद के पास है. इसे प्राप्त करने के लिए हमें बाहर नहीं जाना है, बल्कि हमारे आसपास ही आयुर्वेदिक औषधि उपलब्ध है. सही जानकारी के दम पर हम अपने शरीर के रोग निरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं. यह कहना है राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय सह अस्पताल नाथनगर के प्राचार्य डॉ चंद्र भूषण सिंह का.
कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रकृति के पास पर्याप्त औषधि-डॉ चंद्र भूषण सिंह
उन्होंने बताया कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रकृति के पास पर्याप्त औषधि है. इसका प्रयोग कर हम पूरी दुनिया को बचा सकते हैं. आज भी आयुर्वेद हमारे यहां चिकित्सा प्रणाली नहीं, बल्कि जीवन पद्धति है. आयुर्वेद के बताये अनुशासन का पालन कर हम खुद के शरीर को मजबूत कर सकते है. ऐसे में अब हर हाल में प्रकृति की ओर लौटना होगा. कोरोना वायरस श्वास रोग है. इसकी वजह कफ को बताया जाता है. कफ इससे गाढ़ा हो जाता है, जिससे रोगी का सांस लेने में परेशानी हो जाती है. कफ से जुड़े रोग को खत्म करने के लिए आयुर्वेद में कई औषधि है. ऐसे में हमें इलाज आरंभ करने से पहले बीमारी को जानना होगा.
ये करें उपाय
-प्रतिदिन एक ग्लास गर्म दूध में हल्दी देकर सेवन करें
-सोंठ के चूर्ण का प्रयोग भोजन में करें.
-दही व लस्सी का सेवन नहीं करें.
-घर में गुगुल, कपूर, लौंग व चंदन का चूर्ण जलायें
-किसमिस या मुनक्का के काढ़े का सेवन करें.
-रोजाना योग व कसरत करें
-हल्दी, जीरा, धनिया, लहसुन का सेवन करें.
Also Read: Bihar Corona News: पुणे से भागलपुर पहुंची ट्रेन में 80 फीसदी यात्रियों का नहीं हुआ कोविड टेस्ट, जांच में मिले आठ पॉजिटिव
दूध में इसका करें इस्तेमाल
-प्रतिदिन च्यवनप्राश 10 ग्राम सुबह गर्म पानी या दूध के साथ लें.
-मधुमेह रोगी शुगर फ्री च्यवनप्राश का प्रयोग करें.
-एक गिलास दूध में तुलसी पत्ता, काली मिर्च, अदरक व हल्दी का चूर्ण मिलाकर सेवन करें.
-शिलाजीत एक चम्मच एक गिलास दूध या पानी के साथ लें.
-अभ्रक भस्म यानी सहपुटी, एक ग्राम मधु या मलाई के साथ लेकर एक गिलास गर्म दूध का सेवन करें.
-मुलेठी चूर्ण एक ग्राम गर्म दूध के साथ लें.
-दूध कफ वर्धक होता है. गाय या बकरी के दूध में कफ नासक पदार्थ को मिलाकर प्रयोग करें. इसमें हल्दी, सौंठ, दालचीनी, पिप्पली का चूर्ण मिला दें, तो और बेहतर हो जायेगा.
शरीर का रोग निरोधक क्षमता बढ़ाने में ये है सहायक
-रोग से बचना है, तो फल का करें सेवन
-अश्वगंधा, सतवार, कालमेघ, नीम व हल्दी का प्रयोग करें.
-हर्बल चाय, तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सौंठ का काढ़ा, किसमिस का काढ़ा और ताजी नींबू का जूस व मधु का सेवन करें.
-प्रतिदिन एक ग्लास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी का चूर्ण डाल पी लें.
-प्रतिदिन नाक में नारियल या सरसों का तेल अन्यथा घी के दो-दो बूंद लें
-प्रतिदिन व्यायाम रोज करें. फेफड़े का क्षमता बढ़ाने वाला योग अवश्य करें.
-आंवला का प्रयोग अपने भोजन में किसी रूप में करें.
इन चीजों से बढ़ता है शरीर में कफ
अंडा, मांस, दही लस्सी, मछली, पनीर, प्याज, मशरूम, केला संतरा, उड़द दाल, चना दाल, शकरकंद समेत कई और चीजें.
इसे सेवन करने से कफ होता है कम
अदरक, हल्दी, तुलसी, काली मिर्च, शिलाजीत, मुलेहठी, आमलक रसायन, जौ की रोटी, मूंग का दाल, सेंधा नमक, नारियल का पानी.
Posted By: Thakur Shaktilochan
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.