निगम पांच वर्षों में एक को भी नहीं दे सका घर
पीएम आवास योजना के तहत वर्ष 2021 तक सभी शहरी गरीबों को घर मुहैया कराना है. लेकिन, पिछले पांच वर्षों में निगम प्रशासन की ओर से एक भी लाभार्थी को घर मुहैया नहीं कराया जा सका है.
पटना : पीएम आवास योजना के तहत वर्ष 2021 तक सभी शहरी गरीबों को घर मुहैया कराना है. लेकिन, पिछले पांच वर्षों में निगम प्रशासन की ओर से एक भी लाभार्थी को घर मुहैया नहीं कराया जा सका है. स्थिति यह है कि निगम प्रशासन ने निजी एजेंसी के सहयोग से वार्ड स्तर पर बेघर लोगों का सर्वे कराया. इस सर्वे के अनुसार निगम के 75 वार्डों में 43.5 हजार बेघर लोगों की सूची तैयार की गयी, जो पिछले डेढ़ वर्षों से फाइलों में दबी है.
नहीं पूरी हुई किफायती आवास योजना
निगम प्रशासन ने पीएमएवाइ के तहत तीन स्थलों पर किफायती आवास बनाने की योजना बनायी. इसमें पटना सिटी के शरीफागंज में 40 करोड़ की लागत से 252 फ्लैट, बेगमपुर में 93 करोड़ की लागत से 828 फ्लैट व नूतन राजधानी अंचल के नेहरू नगर में 190 करोड़ से 1188 फ्लैट बनाये जाने हैं. इस योजना की राशि स्वीकृत करने के साथ-साथ डिजाइन भी तैयार किया गया. लेकिन, योजना की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी. इससे योजना अब तक लटकी हुई है.
निगम के वार्ड संख्या 38 में करीब 800 बेघर लोगों को चिह्नित किया गया, जिन्हें आवास मुहैया कराना है. लेकिन, इन चिह्नित बेघर लोगों में 90 प्रतिशत के पास अपनी जमीन नहीं है. हालांकि, निगम प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण की योजना बनायी, जिसे स्थायी समिति व बोर्ड से स्वीकृति दी गयी. इसके बाद जमीन खरीदने की प्रक्रिया पर मामला एक कदम आगे नहीं बढ़ा.
क्या कहती हैं मेयर
पीएमएवाइ योजना को निगम क्षेत्र में धरातल पर उतारने को लेकर प्रक्रिया शुरू की गयी. शुरुआती दिनों में तेजी से काम हुआ. इससे लाभार्थियों की सूची तैयार करने के साथ-साथ किफायती आवास बनाने व भूमि अधिग्रहण की योजना बनी. लेकिन, अब इस योजना पर कार्रवाई सुस्त है.
सीता साहू, मेयर, नगर निगम
क्या कहते हैं वार्ड पार्षद
सर्वे होने के बाद लाभार्थियों की सूची निगम बोर्ड के समक्ष रखी गयी, जिसे स्वीकृत किया गया. लेकिन, बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं की गयी. स्थिति यह है कि सूची फाइलों में रखी हुई है.
दिनेश कुमार, वार्ड पार्षद-22ए
हमारे वार्ड में बेघर लोगों की संख्या 800 है. इनमें अधिकतर बेघर लोगों के पास जमीन नहीं है. लेकिन, निगम प्रशासन की ओर से भी अनदेखी की जा रही है. इससे योजना के क्रियान्वयन में मुश्किल हो रही है.
डॉ आशीष कुमार सिन्हा, वार्ड पार्षद-38