पटना : बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार द्वारा बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर एवं उसके अंतर्गत सभी कृषि विज्ञान केंद्रों तथा बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक आयोजित की गयी. बैठक के दौरान मंत्री प्रेम कुमार द्वारा कोरोना के कारण लॉकडाउन में राज्य के किसानों को खेतीबारी से संबंधित समस्याओं के समाधान हेतु की जा रही कार्रवाई पर विस्तृत चर्चा की गयी तथा आवश्यक निदेश दिये गये.
कृषि मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में खेती कार्य में लगे किसानों को कोरोना वायरस से बचाव हेतु सभी 21 कृषि विज्ञान केंद्रों में किसानों के बीच कुल 4200 मास्क का वितरण किया गया. उन्होंने कहा कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों को समय-समय पर मौसम संबंधी जानकारी एवं आवश्यक सुझाव भी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि समाचार पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से कृषि तकनीकी एवं पशु स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी उपलब्ध करायी जा रही है.
डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र, बाढ़, पटना द्वारा संचालित एफएम रेडियो स्टेशन के माध्यम से किसानों को कोरोना संक्रमण से बचाव, सुरक्षा के मानक, कृषि कार्य में सावधानियां, सरकार द्वारा दिये गये निदेशों के अनुपालन एवं सुझाव, फसलों की समसामयिक जानकारी, पौधा रोग नियंत्रण, पशु स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी विशेषज्ञों के माध्यम से उपलब्ध करायी गयी है.
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Rumors About Coronavirus : दोगुना हो गया सोशल मीडिया का दुरुपयोग, बिहार में 104 प्राथमिकी, 79 को जेलडॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि अररिया, औरंगाबाद, बांका, खगड़िया, पूर्णियां एवं कटिहार में ऐसे युवक, जो पलायन से लौटे हैं, उन्हें जीवकोपार्जन हेतु प्रेरित किया जा रहा है. बायोटेक किसान हब योजना के अंतर्गत पटना, लखीसराय एवं गया जिलों के किसानों को खेसारी फसल उत्पादन हेतु विशेष जानकारी प्रदान की गयी है. पलायन से लौटे युवकों के लिए स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग लॉकडाउन के बाद वृहद रूप से शुरू की जायेगी.
मंत्री ने सूचना संचार तकनीकी के माध्यम से किसानों को खेती एवं पशुपालन से संबंधित समस्याओं का समाधान ज्यादा-से-ज्यादा करने की अपील की तथा आगामी खरीफ मौसम में किसानों को अधिक-से-अधिक बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक निदेश दिया. उन्होंने बर्ड फ्लू, स्वाईन फीवर की स्थिति पैदा होने पर पशुओं की जांच हेतु आवश्यक लैब की स्थापना करने को कहा था स्मार्ट एग्रीकल्चर कलेक्टर के माध्यम से किसानों के फल, सब्जियों की बिक्री हेतु आवश्यक बाजार हेतु निदेश दिया गया.
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