COVID-19 Bihar: पटना के महावीर कैंसर संस्थान में भी प्लाज्मा बैंक की शुरुआत, जानें एक यूनिट प्लाज्मा की कीमत…

COVID-19 Bihar पटना. गुरुवार से महावीर कैंसर संस्थान में कोरोना मरीजों के लिए प्लाज्मा एकत्र करने की सुविधा शुरू हो गयी. प्लाज्मा बैंक की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गयी है, उसके बाद ही सरकार द्वारा लाइसेंस निर्गत किया गया है. कोरोना के गंभीर मरीजों को प्लाज्मा की सख्त जरूरत होती है, इसके लिए बिहार सरकार ने महावीर कैंसर संस्थान के ब्लड बैंक को चयनित किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 28, 2020 6:15 AM

पटना. गुरुवार से महावीर कैंसर संस्थान में कोरोना मरीजों के लिए प्लाज्मा एकत्र करने की सुविधा शुरू हो गयी. प्लाज्मा बैंक की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गयी है, उसके बाद ही सरकार द्वारा लाइसेंस निर्गत किया गया है. कोरोना के गंभीर मरीजों को प्लाज्मा की सख्त जरूरत होती है, इसके लिए बिहार सरकार ने महावीर कैंसर संस्थान के ब्लड बैंक को चयनित किया है.

एक यूनिट की कीमत 11,000 रुपये

कोरोना मरीजों के लिए प्लाज्मा की एक यूनिट की कीमत 11,000 रुपये देनी पड़ेगी जो की आइजीआइएमएस का दर है. आइजीआइएमएस में भी इतनी ही राशि पर यह सुविधा उपलब्ध है, जबकि अन्य निजी अस्पतालों में काफी ऊंचे दरों पर प्लाज्मा की एक यूनिट की आपूर्ति की जाती है.यह जानकारी संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ एल बी सिंह ने दी.

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महावीर मंदिर न्यास समिति ने प्रसन्नता जतायी

डॉ एल बी सिंह ने बताया कि महावीर कैंसर संस्थान में प्लाज्मा बैंक और प्लाज्मा डोनेट करने की सुविधा शुरू होने की जानकारी मिलने प्रत्यय अमृत, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार एवं आचार्य किशोर कुणाल, सचिव महावीर मंदिर न्यास समिति ने प्रसन्नता जतायी है.

एक दिन में सबसे ज्यादा 35 कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव से निगेटिव आयी

वहीं एम्स अस्पातल से एक अच्छी खबर है. एक दिन में सबसे ज्यादा 35 कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव से निगेटिव आयी है. वहीं, एक संक्रमित मरीज जो किडनी रोग से ग्रसित था, खुद डिस्चार्ज होकर दूसरे अस्पताल में इलाज को चला गया. ऐसे में एक दिन में एम्स से 36 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है. अब अस्पताल में 214 से घट कर 189 कोरोना मरीज ही भर्ती हैं.

गुरुवार को एक दिन में अब तक के सबसे अधिक मरीज डिस्चार्ज

एम्स प्रशासन की मानें, तो गुरुवार को एक दिन में अब तक के सबसे अधिक मरीज डिस्चार्ज हुए हैं, जो खुद एम्स के लिए एक रिकॉर्ड है. इससे पहले 21 अगस्त को सबसे अधिक एक साथ 30 मरीज डिस्चार्ज हुए थे. नोडल पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार का कहना है कि पहले की तुलना में एम्स में कम कोरोना संक्रमित भर्ती है. कम मरीज के बावजूद डिस्चार्ज होने वाले लोगों की संख्या 35 दर्ज की गयी. डिस्चार्ज होने वालों में एक दो साल का पीकू कुमार भी शामिल है, कदमकुआं थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर रोड नंबर दो का निवासी है

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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