पटना: निजी अस्पतालों की मनमानी का मामला सामने आने के बाद मंगलवार को पूर्वी इंद्रानगर स्थित जेडीएम हॉस्पिटल प्रशासन व अन्य के खिलाफ कंकडबाग थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. इस मामले में हॉस्पिटल के एमडी, डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन समेत पांच आरोपित बनाये गये हैं. इनके खिलाफ जिला कार्यक्रम समन्वयक के बयान के आधार पर आइपीसी की धारा 341 ,342, 406 ,420, 120 (बी), 34 व महामारी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. हालांकि कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
हॉस्पिटल प्रशासन पर मरीज को जोर-जबरदस्ती कर हॉस्पिटल में बंद करने, परिजनों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और अनुचित, अवैध व मनमानी फीस रख कर जबरन फीस वसूली का आरोप है. बुधवार को हॉस्पिटल सील कर दिया जायेगा. कंकडबाग थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि मरीज को कोरोना के साथ ही कई अन्य बीमारियां भी थी. इलाज के बाद 6.34 लाख का बिल थमा दिया गया था.
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कंकड़बाग के पूर्वी इंद्रानगर के जेडीएम हॉस्पिटल में कुछ दिनों पहले कोरोना के एक मरीज भर्ती हुए थे. उन्हें अन्य तरह की भी बीमारी थी. इलाज के बाद 6.34 लाख का बिल दिया गया. काफी आग्रह के बावजूद अस्पताल रकम लेने पर अड़ा रहा. इस दौरान मरीज को हॉस्पिटल में ही बंद कर दिया गया. इसकी जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी ने पटना सदर अनुमंडल पदाधिकारी तनय सुल्तानिया के नेतृत्व में जांच टीम बनायी थी.
टीम ने अस्पताल प्रशासन के कर्मियों, मरीजों व उनके परिजनों से पूछताछ की. जांच में सारे आरोप सही पाये गये. इस रिपोर्ट पर जिलाधिकारी ने जेडीएम हॉस्पिटल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया़ साथ ही जिलाधिकारी ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को उचित फीस रखने, पक्का बिल देने और अस्पताल में आइटमवार फीस की सूची प्रदर्शित करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही पीपीइ किट, आइसीयू, वेंटिलेटर, डायग्नोस्टिक टेस्ट ,रूम फी, बेड फी आदि का उचित मूल्य रखने और मरीजों को पक्का पुर्जा देने को भी कहा है.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya