बिहारियों में कम हुआ विदेश जाने का क्रेज, पासपोर्ट आवेदन में आयी 50 हजार की कमी
बिहार के लोगों में विदेश जाने का क्रेज लगातार कम होता दिख रहा है. खासकर कोरोना के बाद पासपोर्ट के लिए आवेदन देनेवालों में काफी कमी आयी है. पिछले एक वर्ष में ही 50 हजार की कमी दर्ज की गयी है.
अनुपम कुमार, पटना. बिहार में विदेश जाने को लेकर क्रेज कम हो रहा है. वर्ष 2023 में पासपोर्ट व अन्य संबंधित दस्तावेजों के आवेदकों की संख्या में 50 हजार और जारी होने वाले पासपोर्ट व अन्य संबंधित दस्तावेजों की संख्या में 62 हजार की कमी आयी है. क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, पटना को वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज बनाने के लिए 11 फीसदी कम आवेदन प्राप्त हुए. वर्ष 2022 में उसे 4.55 लाख आवेदन मिले थे जो कि वर्ष 2023 में घट कर 4.05 लाख रह गये. वहीं इनके निष्पादन की दर भी धीमी रही.
एक वर्ष में आयी 14 फीसदी की कमी
वर्ष 2022 में 4.55 लाख आवेदनों में से 4.48 लाख का निष्पादन कर दस्तावेज जारी किया गया जो कि कुल प्राप्त आवेदनों का 98 फीसदी है जबकि वर्ष 2023 में प्राप्त 4.05 लाख आवेदनों में से 3.86 लाख का निष्पादन कर दस्तावेज जारी किया गया जो कि प्राप्त आवेदनों का 95 फीसदी है. इस प्रकार इसमें भी तीन फीसदी की कमी आयी है. वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में जारी पासपोर्ट को देखें तो इनमें 14 फीसदी की कमी आयी है.
पासपोर्ट बनाने से प्राप्त राजस्व में भी आयी नौ फीसदी की कमी
वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में न केवल पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज के लिए आवेदन करने वाले और जारी पासपोर्ट और अन्य दस्तावेजों की संख्या में कमी आयी है बल्कि उनसे प्राप्त होने वाले राजस्व में भी कमी आयी है. वर्ष 2022 में आवेदकों से 68 करोड़ रुपये राजस्व आवेदन शुल्क और अन्य मद में प्राप्त हुए थे जबकि वर्ष 2023 में यह राशि 62 करोड़ रही और इसमें लगभग छह करोड़ की कमी आयी.
कोरोना काल खत्म होने से वर्ष 2022 में तेजी से बढ़ा पासपोर्ट का आवेदन
सूत्रों की मानें तो वर्ष 2023 में वर्ष 2022 की तुलना में कम पासपोर्ट आवेदन की बड़ी वजह कोरोना काल खत्म होने के बाद वर्ष 2022 में बाहर जाने वालों की संख्या में आयी तेजी रही जिसके कारण पासपोर्ट आवेदकों की संख्या पीक पर रही और उसी के अनुपात में अधिक संख्या में पासपोर्ट जारी भी किये गये. लेकिन वर्ष 2023 में पासपोर्ट के लिए आवेदकों की संख्या अपने सामान्य रफ्तार पर आ गयी. यही वजह है कि वर्ष 2022 की तुलना में कम होने के बावजूद वर्ष 2021 की तुलना में यह 1.01 लाख अधिक है.
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पासपोर्ट आपके द्वार के अंतर्गत खुले 36 डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र
भारत सरकार की परियोजना पासपोर्ट आपके द्वार के तहत अब तक बिहार में कुल 36 डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र खोले जा चुके हैं. इस परियोजना का उद्देश्य पासपोर्ट आवेदकों को पासपोर्ट आवेदन जमा करने संबंधी सुविधा उनके निवास स्थान के नजदीक उपलब्ध करानी है. क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ताविशि बहल पांडेय की ओर से आवेदकों से आग्रह किया गया है कि वे दलालों और ठगों के चक्कर में न पड़ें. किसी भी समस्या के समाधान के लिए कार्यालय आकर संबंधित अधिकारी से मिलें. फर्जी दस्तावेज बनाने एवं बनवाने वालों पर कई मामलों में विभिन्न जिलाें में एफआइआर भी दर्ज कराया गया है एवं गिरफ्तारी भी हुई है.
संत जेवियर्स कॉलेज से शुरू हुआ पासपोर्ट मोबाइल वैन
पासपोर्ट आपके द्वार परियोजना के अगले कदम के रूप में विदेश मंत्रालय ने बीते 26 जनवरी को क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, पटना को पासपोर्ट मोबाइल वैन उपलब्ध कराया है. इसका इस्तेमाल 23 फरवरी को संत जेवियर्स कॉलेज से शुरू हुआ. यहां तीन दिनों तक इसके माध्यम से कॉलेज के छात्रों के नये तथा पुनर्निर्गमन (रीइश्यू) पासपोर्ट आवेदन स्वीकार किये जायेंगे. बाद में अन्य जगहों पर भी इसे संचालित किया जायेगा.