राज्य में अब श्मशान की भूमि का बंदोबस्त नहीं होगा. किसी को हस्तांतरित भी नहीं की जा सकेगी. जमीन का किसी अन्य रूप में उपयोग भी नहीं किया जा सकेगा. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग श्मशान के व्यवस्थित रिकाॅर्ड तैयारी में जुट गया है.
अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने प्रमंडलीय आयुक्त- डीएम को मापी का आदेश दिया है. श्मशान की संख्या कितनी है. कुल जमीन कितनी है, इसका अंचलवार रिकाॅर्ड तलब किया है. अंचल अधिकारी को अब अलग से पंजी बनानी होगी. श्मशान घाटों की भूमि की अंचल अमीन से मापी कराकर सीमांकन की कार्रवाई करायी जा रही है. अंचल स्तर पर मौजावार श्मशान घाटों की सूची खेसरा, रकबा, चौहद्दी आदि संधारित कर विशेष पंजी में प्रविष्ट की जायेगी.
राज्य में कुल कितने श्मशान हैं, इनकी जमीन कितनी है, ऐसा कोई डाटा नहीं है. जमीन का लेखा- जोखा न होने से आम आदमी ही नहीं सरकारी विभागों तक ने इन पर कब्जा कर लिया है. भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग की ओर से सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और सभी जिलों के डीएम को जो आदेश दिया है, उसमें स्पष्ट लिखा है कि कैसे सार्वजनिक श्माशन की भूमि- भू-खंड पर स्थानीय प्रशासन भ्रामक रिपोर्ट और सूचनाएं दे रहा है. इसके आधार पर सरकारी- गैरसरकारी भवनों का अवैध निर्माण हो गया है.
रिपोर्ट बताती है कि श्मशान की जमीन पर स्कूल, कुआं, धार्मिक स्थल , विद्युत उपकेंद्र, पावर सबस्टेशन, सीवेज एवं वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, सामुदायिक भवन, पंचायत सरकार भवन आदि का निर्माण हो गया है. कई जगहों पर कुछ प्रभावशाली लाेगों ने ही सार्वजनिक श्मशान की भूमि की बंदोबस्ती कर दी है. अतिक्रमण के मामले भी बड़ी संख्या में हैं.
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राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह का कहना है कि सरकार की स्पष्ट नीति है कि श्मशान अथवा श्मशान घाट की भूमि के स्वरूप एवं उपयोगिता में बदलाव नहीं किया जा सकता.
कमिश्नर – डीएम को आदेश दिया गया है कि सार्वजनिक श्मशान की भूमि का उपयोग किसी भी परिस्थिति में सरकार के अन्य प्रायोजनों के लिए नहीं किया जायेगा. बंदोबस्ती और वितरित करने की कार्रवाई भी नहीं की जायेगी. सरकार की किसी परियोजना- विभाग के लिए भी जमीन का हस्तांतरण नहीं किया जायेगा.
विभागीय समीक्षा के दौरान यह जानकारी मिली कि कई जगहों पर श्मशान की जमीन में अन्य कार्य किये जा रहे हैं. ऐसी स्थिति में इसका उपयोग किसी अन्य कार्य के लिए नहीं किया जाये. श्मशानों को अतिक्रमण से मुक्त रखा जाये इसके लिए विभाग द्वारा निर्देश जारी किया गया है.
रामसूरत कुमार, मंत्री राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग
Posted By: Thakur Shaktilochan